काठमांडू: नेपाल में शुक्रवार की रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रेक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.4 रही। भूकंप का केंद्र नेपाल में रहा, लेकिन इसके झटके उत्तर भारत के राज्यों से होते हुए दिल्ली-एनसीआर तक महसूस किए गए। बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, नोएडा समेत पूरे यूपी और बिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेपाल में इससे क्या नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है। लेकिन भूकंपीय गतिविधियों के ट्रेंड को अगर आप देखेंगे तो पाएंगे कि नेपाल में भूकंप काफी आते हैं। आइए जानें कि नेपाल में इतने ज्यादा भूकंप आने का क्या कारण है।नेपाल में साल 2015 में एक भयानक भूकंप आया था। इस भूकंप ने पूरे नेपाल को बर्बाद कर दिया था। 2015 में आया भूकंप 1932 के बाद आया सबसे तगड़ा भूकंप था। इसके साथ 3000 से ज्यादा लोगों की भूकंप के कारण मौत हुई थी। दरअसल पृथ्वी का क्रस्ट टेक्टोनिक प्लेटों से बना है। जमीन के नीचे के यह भू-भाग काफी विशालकाय होते हैं। कभी-कभी तो इनमें पूरा महाद्वीप शामिल होता है। यह हर समय गतिमान रहते हैं और एक दूसरे से टकराते रहते हैं। नेपाल में क्यों आते हैं भूकंपनेपाल में भूकंप को समझने के लिए आपको हिमालय को देखना होगा। इस क्षेत्र में पृथ्वी की इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दब रही है। हर साल पांच सेंटीमीटर यह प्लेट दबती है। इस कारण हिमालय 5 मिलीमीटर ऊपर उठता जा रहा है। प्लेट दबने से चट्टानों के ढांचे में एक तनाव पैदा हो जाता है। जब यह तनाव चट्टानें बर्दाश्त नहीं कर पातीं तो भूकंप आता है। वैज्ञानिक अभी भी भूकंप के आने का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र में यह ज्यादा आने की आशंका है।