चर्चा में राजस्थान के ‘योगी’, चुनाव से पहले बीजेपी ने भगवाधारी बाबा का क्यों किया प्रमोशन

जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने में 6 महीने से भी कम समय बचा है, ऐसे में भाजपा ने अपनी राज्य इकाई में बड़े फेरबदल कर दिया। इसी क्रम में अलवर के सांसद महंत बालक नाथ को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। महंत बालक नाथ ओबीसी यादव समुदाय से आते हैं। इन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों में अलवर से कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को हराया था। इन्हें ‘राजस्थान का योगी’ भी कहते हैं। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि नए नाम सोशल इंजीनियरिंग समीकरणों को देखते हुए शामिल किए गए हैं। 29 सदस्यीय कार्यकारी समिति में ओबीसी, एमबीसी, एससी और एसटी पर जोर दिया गया है। सूची में ओबीसी और एमबीसी (सबसे पिछड़ा वर्ग) नेताओं के साथ-साथ जाट, गुज्जर, यादव, बिश्नोई, कुमावत और सैनी जातियों के नाम शामिल किए गए हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के नाम भी शामिल हैं। इन सभी में सबसे ज्यादा चर्चा महंत बालक नाथ की हो रही है। आइए जानते हैं क्योंसीएम योगी की तरह ही हिंदुत्ववादी नेता हैं महंत बालक नाथअलवर सांसद महंत बालक नाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत हैं। महंत चांदनाथ योगी ने 2016 में बालक नाथ को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बालकनाथ के समारोह में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और बाबा रामदेव भी शामिल हुए थे। योगी आदित्यनाथ और महंत बालक नाथ दोनों हिंदुत्ववादी नेता हैं। इस वजह से दोनों में करीबी हैं। कब चर्चा में आए थे महंत बालक नाथभगवा कपड़ों ने रहने वाले महंत बालक नाथ को बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में से एक माना जाता है। हाल ही में बालक नाथ उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने राजस्थान पुलिस के डीएसपी को थाने में घुसकर धमका दिया था। बीजेपी के कार्यकर्ता को हिरासत में लिए जाने पर अलवर सांसद ने डीएसपी को धमकी देते हुए कहा था- ‘मेरा नाम याद रखना। तीन लोग मेरी लिस्ट में हैं। एक यहां का विधायक, पुराना एसएचओ और अब आप भी मेरी लिस्ट में हो।’ महंत बालक नाथ का ये वीडियो खूब वायरल हुआ था।बीजेपी ने महंत बालक नाथ को क्यों किया प्रमोटमहंत बालक नाथ के ‘प्रमोशन’ के पीछे की वजह अलवर और आसपास के जिलों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव में महंत बालकनाथ ने इस बात को साबित भी करके दिखाया था। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी। मस्तनाथ संप्रदाय से आने वाले बालकनाथ के ‘प्रमोशन’ से बीजेपी ने साफ कर दिया कि चुनाव में हिंदुत्ववादी एजेंडा आगे रखा जाएगा।