महाराष्ट्र में बीजेपी को क्यों पड़ी अजित पवार की जरूरत, समझिए पूरा खेल

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना के टूटने के बाद अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी () उसी रास्ते है, ने पिछले 12 सालों में पांचवी बार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने अपनी पहली प्रतिक्रिया में पीएम मोदी की तारीफ की है और महाराष्ट्र के विकास के लिए बीजेपी के साथ आने की बात कही। तो बदले में उन्हें एक अच्छ प्रशासक बताया गया है, लेकिन इस सब के बीच बड़ा सवाल यह है कि आखिर बीजेपी को अजित पवार की जरूरत क्यों पड़ी? तो इस जवाब काफी सीधा है कि बीजेपी 2024 में कोई नुकसान नहीं उठना चाहती है। 2024 में पहली बार बीजेपी लोकसभा के चुनावों अपने परंपरागत सहयोगी ठाकरे परिवार से अलग होकर लड़ेगी। महत्वपूर्ण है महाराष्ट्र यूपी के बाद महाराष्ट्र ऐसा प्रदेश है जहां पर लोकसभा की सबसे ज्यादा 48 सीटें हैं। बीजेपी ने पिछले चुनाव में शिवसेना के गठबंधन करके 41 सीटें झटकी थीं। एनसीपी को 4 और कांग्रेस और एआईएमआईएम को 1-1 सीट मिल पाई थी। एक सीट पर निर्दलीय नवनीत राणा विजयी हुई थी। 41 सीटों में बीजेपी को 23 और शिवसेना को 18 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 सीटों पर जीत हासिल की थी। तो वहीं शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 सीटें जीती थीं। क्या है बीजेपी का प्लान? 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी महाराष्ट्र में अपना विस्तार करना चाहती है और साथ ही ठाकरे परिवार से होने वाले नुकसान से बचना चाहती है। ऐसे में जब पार्टी अबकी बार 400 पार का नारा लगा रही है तब पार्टी किसी भी सूरत में अपनी लोकसभा सीटों की टैली को कम नहीं होने देना चाहती है। अजित पवार के साथ आने के पीछे के कोई भी कारण हों, लेकिन बीजेपी मिशन 2024 को ध्यान में रखकर आगे बढ़ रही है। पवार और उद्धव कमजोर होंगे तो बीजेपी की स्थिति बेहतर होगी। फेल हुआ पहला प्रयोग?कांग्रेस का आरोप है कि शिवसेना को तोड़कर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का बीजेपी का प्लान कारगर नहीं हुआ। इसीलिए उन्होंने एनसीपी से अजित पवार को साथ में लिया है। कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के प्रभारियों में शामिल आशीष दुआ ने टि्वटर लिखा है कि अब महाराष्ट्र में दो पावरफुल उपमुख्यमंत्री होंगे। तो ऐसे में चीफ मिनिस्टर एकनाथ की स्थिति कैसी होगी? यह राज्य के लिए घातक है। कांग्रेस नेताओं की पूरे घटनाक्रम पर नजर है। जो भी हो शिवसेना को तोड़कर और एनसीपी को कमजोर करके बीजेपी 2024 में अपनी टैली 23 से आगे ले जा सकती है। यही बीजेपी की रणनीति है। पवार बनेंगे बीजेपी की पावरअजित पवार पहली बार नंवबर, 2010 में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री बने थे। तब से तीन बार बीच में डिप्टी सीएम बने। अब उन्होंने पांचवीं बार शपथ ली है। ऐसे में बीजेपी उनका उपयोग लोकसभा चुनावों में पूरी तरह से कर सकती है। बीजेपी के पास अब ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का विकल्प भी खुल गया है। ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि मिशन 400 पार में ज्यादा से ज्यादा सीटें महाराष्ट्र में जीत जाएंगे। महाराष्ट्र से सटे गुजरात में बीजेपी सभी 26 सीटों पर पहले काबिज है। ऐसी राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि अगर भविष्य में 16 विधायकों की सदस्यता को भी कोई खतरा होता है तो अजित पवार बैकअप के तौर मौजूद रहेंगे। ऐसे में वे बीजेपी की नई ताकत बन सकते हैं।