घट रही लग्जरी कारों की बिक्री… म्यूचुअल फंड कंपनियों पर दोष क्यों मढ़ रहे मर्सिडीज के अधिकारी?

नई दिल्ली : म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) वालों ने कार कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लग्जरी कार इंडस्ट्री (Luxury Car Industry) के सामने एक नई चुनौती आई है। इसका नाम है सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP)। इसके जरिए भारतीय आसानी से शेयर मार्केट (Share Market) में निवेश कर रहे हैं। एसआईपी के जरिए भारतीयों का निवेश लगातार बढ़ रहा है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद इसमें तेजी आ रही है। इसका असर यह हुआ कि कार जैसे एस्पिरेशनल और प्रीमियम उत्पादों के लिए डिस्पोजेबल इनकम का उपयोग घटता जा रहा है। मर्सिडीज-बेंज इंडिया (Mercedes-Benz India) के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड संतोष अय्यर ने यह बात कही है।

वास्तविक बिक्री बहुत कम
अय्यर ने कहा कि लग्जरी कार इंडस्ट्री महामारी के बाद सबसे तेज गती से बढ़ रही है। लेकिन भारत में जितनी क्षमता है, उसकी तुलना में वास्तविक बिक्री बहुत कम है। अय्यर ने जनवरी से मर्सिडीज-बेंज के एमडी और सीईओ का चार्ज संभाला है। अय्यर ने कहा, ‘करीब 15,000 लोग हर महीने लग्जरी कारों के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। हालांकि, वास्तविक ऑर्डर साइज करीब 1500 यूनिट है।’

एसआईपी को रोकना नहीं ताहते लोग
उन्होंने कहा, ‘ऐसे में हर महीने 13,500 ग्राहक ऐसे होते हैं, जो मर्सिडीज-बेंज कार के मालिक बनना चाहते हैं। लेकिन वे यह सोचकर रुक जाते हैं कि अगर वे अपनी एसआईपी जारी रखेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा या हो सकता है कि बाजार में पैसा लगाने का एक अच्छा मौका आने वाला हो।’ अय्यर अपनी सेल्स टीमों को एसआईपी निवेश के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहते रहते हैं, ताकि उनकी कंपनी उच्च विकास दर हासिल कर सके। उन्होंने कहा, ‘वे (एसआईपी) हमारे प्रतिस्पर्धी हैं।’

ऑलटाइम हाई पर है एसआईपी में निवेश
इंडस्ट्री बॉडी एम्फी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बाजारों में उतार-चढ़ाव, मंदी और बढ़ती महंगाई के डर के बावजूद, एसआईपी में निवेश सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। पिछले कुछ महीनों में लगातार 12,000 करोड़ रुपये को पार करने के बाद, एसआईपी में मासिक निवेश अक्टूबर 2022 में पहली बार 13,000 करोड़ रुपये के रेकॉर्ड को पार कर गया।