बिहार की पॉलिटिक्स का शेर कौन, जो करना चाहता मांझी की पार्टी का शिकार? किसका नाम छुपा गए संतोष सुमन

पटना: नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार मांझी ने कहा कि में एक शेर है जो हिरण रूपी उनकी पार्टी का शिकार करना चाहता है। हालांकि उन्होंने उस शेर का नाम नहीं बताया। इससे पहले संतोष मांझी ने कहा कि मैंने आज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर उनको इसके बारे में सूचित कर दिया है। वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी से मिलकर मैंने अपनी बातों को रखा फिर इस्तीफा दिया है। हमारी पार्टी ने तय किया है कि हम संघर्ष करेंगे। संघर्ष का रास्ता अपनाकर आगे एकला चलो की भी राजनीति कर सकते हैं। अभी हम लोग महागठबंधन से अलग नहीं हटे हैं। केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया है, बाकी बातें आगे होंगी। हमें किस रास्ते पर चलना है यह हम चर्चा के बाद फैसला लेंगे। हमें किसके साथ रहना किसके साथ नहीं रहना है ये बातें आगे होंगी। अभी बस इतना ही कहना चाहूंगा कि मैंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है, यह बात सीएम नीतीश कुमार को बता दी गई है। नीतीश कुमार से बातचीते के बाद दिया इस्तीफासंतोष सुमन मांझी ने कहा कि अलग होने का एक ही कारण है। हमारी पार्टी ने दरभंगा की प्रस्तावित यात्रा कैंसिल किया, उसके बाद कोर कमिटी की मीटिंग के बाद कई राउंड की बात हुई। एक बात कहना चाहूंगा कि हमारे पास एक प्रस्ताव आया था, हमें कहा गया कि हम लोग अपनी पार्टी को जेडीयू में मर्ज कर लें। उसको हमने स्वीकार नहीं किया। उस बात को इनकार करते हुए हमने इस्तीफा दिया। मर्ज करने का प्रस्ताव जेडीयू की तरफ से आया तो स्वभाविक है कि उसमें नीतीश कुमार की सहमति हुई। उन्होंने दोहराया कि हम नीतीश कुमार का सम्मान करते हैं। नीतीश कुमार कुशल व्यक्ति हैं। हमने अपनी पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए यह फैसला लिया है। पार्टी का अस्तित्व बचाने के लिए दिया इस्तीफासंतोष मांझी ने कहा कि हमारी पार्टी का अस्तित्व खतरे में थी, इसलिए हमने यह फैसला लिया। हमने यह फैसला अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद फैसला लिया है। साथ ही इससे पहले विजय कुमार चौधरी से कई राउंड की बातचीत हुई। यह एक दिन की बात नहीं है। बहुत सोच समझकर बातचीत हुई है। विपक्षी एकता की बैठक में हमारी पार्टी को बुलाया नहीं गयाविपक्षी एकता की बैठक में नहीं जाने के फैसले पर संतोष ने कहा कि हमारी पार्टी का बुलाया ही नहीं गया। तो जाने का सवाल ही कहां है। हम कहां जाएंगे, नहीं जाएंगे अभी यह फैसला नहीं लिया है। हम स्वतंत्र पार्टी हैं। इस्तीफा से पहले सीएम नीतीश कुमार से बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि मैं मंत्रिमंडल से अलग होकर भी अगर महागठबंधन के रूप में रहना चाहता हूं, लेकिन अगर गठबंधन की पार्टियां आरजेडी, जेडीयू नहीं चाहेगी तो कैसे रह पाउंगा।’बिहार के जंगल में एक शेर है’संतोष सुमन मांझी ने कहा कि जंगल में बहुत तरह के लोग होते हैं। उसमें शेर भी होता है, बहुत सोर छोटे जानवर भी होते हैं। छोटै जानवरों को पकड़ने की कोशिश की जाती है। सब बचकर जाता है, हिरण भी बचकर निकल जाता है। हम लोग बच रहे थे आजकल, लेकिन आज ऐसा लगा कि नहीं बच पाएंगे इसलिए अलग हो गए। जब उनसे पूछा गया कि बिहार की राजनीति में जंगल का शेर कौन है इसपर संतोष सुमन मांझी ने कहा कि शेर कोई भी होता है, हिरण को पकड़ने के चक्कर में शेर तो लगा ही रहता है। शेर का नाम क्या लें, वह 1, 2, 3 कोई भी नाम हो सकता है। इसपर कुछ भी टिप्पणी नहीं करेंगे।संतोष सुमन मांझी ने कहा कि हमने कहा था कि हमारी पार्टी का लोकसभा की 5 सीटों पर तैयारी है। अगर इसपर बात होती तो एक दो सीटों के कम ज्यादा पर बात हो सकती थी। उन्होंने कहा कि सुलह की कोई गुंजाइश नहीं है।