अंत में पुर्तगाल को हार मिली और झुके हुए कंधों के साथ आंखों में आंसू लिए रोनाल्डो मैदान से बाहर गए लेकिन पुर्तगाल और रोनाल्डो को रुलाने वाला एक खिलाड़ी चर्चा में है। वह हैं मोरक्को के गोलकीपर जो अपनी टीम के लिए चट्टान बन कर गोलपोस्ट के आगे खड़ा रहे और उन्हें कोई नहीं भेद सका।
इस गोलकीपर का नाम है का मोरक्को को सेमीफाइनल में पहुंचाने में बड़ा योगदान है। पुर्तगाल के दिग्गज से दिग्गज खिलाड़ी भी उन्हें नहीं छका पाए। यही कारण है कि पहले हाफ में टीम ने जो बढ़त बनाई थी उसे अंत तक कायम रखी और मैच जीतकर इतिहास रच दिया।
मोरक्को अफ्रीकी देशों की पहली टीम है जिसने सेमीफाइनल में अपना झंडा गाड़ा है। इससे पहले कैमरून ने 1990, सेनेगल ने 2002 और घाना ने 2010 में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन वह सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई है।
यासीन बुनो ने भारत में दिखाया है कमाल
बहुत कम लोगों को पता है कि यासीन बुनो भारत में भी आकर फुटबॉल खेल चुके हैं। बुनो साल 2018 में एक फ्रेंडली मैच के लिए के यहां आई थी। इस प्रतियोगिता में केरला ब्लास्टर, मेलबर्न सिटी एफसी और स्पेन की गिरोना ने हिस्सा लिया था। बुनो गिरोना टीम के सदस्य थे।
मेलबर्न सिटी के खिलाफ गिरोना की टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था। इस मैच में भी बुनो का योगदान बहुत बड़ा रहा था, जिसके कारण गिरोना ने 6-0 से मुकाबले को अपने नाम कर लिया था।