जेल की हवा
नेशनल हाउसिंग बैंक के पास इस तरह के आरोपों की जांच करने का अधिकार नहीं था, इसलिए उसने यह चिट्ठी कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India) को फॉरवर्ड कर दी। एक महीने बाद सेबी को अहमदाबाद की के एक एडवोकेसी ग्रुप प्रोफेशनल ग्रुप फॉर इनवेस्ट प्रोटेक्शन की तरफ से भी इसी तरह का एक नोट मिला। सेबी ने 24 नवंबर, 2010 को सहारा ग्रुप के किसी भी रूप में पब्लिक से पैसा जुटाने पर पाबंदी लगा दी। आखिरकार यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और कोर्ट ने सहारा ग्रुप को निवेशकों के पैसे 15 फीसदी सालाना ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। यह रकम 24,029 करोड़ रुपये थी।साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सहारा समूह की कंपनियों ने सेबी कानूनों का उल्लंघन किया। कंपनियों ने कहा कि उन लाखों भारतीयों से पैसे जुटाए गए जो बैंकिंग सुविधाओं का लाभ नहीं उठा सकते थे। सहारा ग्रुप की कंपनियां निवेशकों को भुगतान करने में विफल रहीं, तो अदालत ने रॉय को जेल भेज दिया। वह लगभग दो साल से अधिक का समय जेल में काट चुके हैं। छह मई 2017 से वह पेरोल पर हैं। पहली बार उन्हें परोल मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के नाम पर मिला था, जिसे बाद में तब बढ़ा दिया गया था।
कहां गए रोशन लाल
सरकार ने हाल में संसद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19,400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (SHICL) ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये कलेक्ट किए थे। सहारा का कहना है कि वह निवेशकों के पैसे वापस करना चाहता है लेकिन यह रकम सेबी का पास फंसी है। दूसरी ओर सेबी का कहना है कि वह सहारा के निवेशकों को ब्याज समेत कुल 138.07 करोड़ रुपये ही वापस कर पाया है। इसकी वजह यह है कि उसे इतने ही दावे मिले हैं।सहारा ग्रुप ने रोशन लाल को खोजने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिले। सहारा ग्रुप के वकीलों ने ऑन रेकॉर्ड बताया था कि सहारा प्राइम सिटी इश्यू के मर्चेंट बैंकर Enam Securities ने इंदौर की जनता कॉलोनी में रोशन लाल के पते पर एक लेटर भेजा था लेकिन यह वापस आ गया। इसमें लिखा गया था कि एड्रेस मिला ही नहीं। इतना ही नहीं इस मामले में रुचि रखने वाले कई लोगों ने भी रोशन लाल को खोजने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मिले। जानकारों का कहना है कि रोशन लाल नाम का कोई व्यक्ति है ही नहीं। यह काम किसी कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वी का हो सकता है।