
इंदिरा और सोनिया गांधी की लाल साड़ी राहुल ने युवक को अपने बगल में खड़ा किया और उसकी तरफ से भेंट में दी गई तस्वीर को स्वीकार किया। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने समर्थक के साथ तस्वीर भी खिंचाई। राहुल से मिलने और अपनी तरफ से गिफ्ट देने के बाद युवक के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। यह तस्वीर राहुल गांधी के बचपन की तस्वीर थी। तस्वीर में राहुल अपनी बहन प्रियंका के अलावा दादी इंदिरा गांधी, पिता राजीव गांधी, मां सोनिया, गांधी और चाचा संजय गांधी के साथ दिख रहे हैं। तस्वीर में इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी दोनों सुर्ख लाल साड़ी में नजर आ रही हैं। वहीं, तस्वीर में सबसे दायी तरफ राहुल गांधी और बाईं तरफ संजय गांधी सफेद कुर्ता पायजामा पहने खड़े हैं।
70 के दशक की है तस्वीरयह तस्वीर उस दौर की है जब संजय गांधी और राहुल गांधी में कोई मतभेद नहीं थे। तस्वीर एक गार्डन की ली गई हैं। इसमें जमीन पर एक चादर बिछी हुई है। वहीं, चादर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अपनी दादी और मां के पैरों के पास बैठे हैं। यह तस्वीर 70 के दशक की है। राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी 1968 में हुई थी। शादी के दो साल बाद जून 1970 में राहुल का जन्म हुआ। दो साल बाद जनवरी 1972 में प्रियंका गांधी का जन्म हुआ। इससे पहले राजीव गांधी और सोनिया की मुलाकात कॉमन फ्रेंड के जरिये 1965 में कैंब्रिज के एक रेस्टोरंट में हुई थी। राजीव गांधी पहली नजर में ही सोनिया गांधी को दिल दे बैठे थे। सोनिया इटली के एक साधारण परिवार की लड़की थी। उस समय सोनिया गांधी को नहीं पता था कि राजीव गांधी भारत के बड़े राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
संजय होते तो राजीव राजनीति में नहीं आतेतस्वीर में संजय गांधी और राजीव गांधी दोनों मौजूद हैं। साथ में मेनका गांधी भी सफेद प्रिंट वाली साड़ी में हैं। ये तस्वीर राजीव के राजनीति में आने से पहले की है। दरअसल, राजीव गांधी और सोनिया गांधी राजनीति में आना ही नहीं चाहते थे। वहीं, संजय गांधी को राजनीति बहुत रास आती थी। संजय ने 1974 के आसपास अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1977-78 में संजय गांधी की लोकप्रियता काफी चरम पर थी। इंदिरा गांधी के बाद संजय ही पार्टी का चेहरा माने जाते थे। इसकी वजह थी की राजीव की राजनीति में बिल्कुल रुचि नहीं थी। संजय गांधी को प्लेन उड़ाने का शौक था। उनका यही शौक असमय उनकी मौत का कारण भी बना। 23 जून 1980 को संजय गांधी की विमान हादसे में मौत हो गई। संजय की मौत के इंदिरा गांधा और मेनका के बीच विवाद पैदा हो गया। एक साल बाद 1981 में मेनका घर छोड़कर अलग रहने लगीं। यूं कहें कि संजय गांधी की मौत के बाद गांधी परिवार बिखर गया। आज भी सोनिया गांधी और मेनका गांधी कभी एक दूसरे से बात नहीं करते हैं। ये तस्वीर गांधी परिवार के एकजुटता की गवाह भी है।