महीनों से सैलरी नहीं, डेक पर सोने को मजबूर, भारतीय नाविकों की ये कैसी कहानी

नई दिल्ली: पिछले दो सालों की तरह भारतीय नाविकों पर छोड़े जाने की तलवार लटकी हुई है। दरअसल अभी आधा साल भी नहीं बीता है और 411 भारतीय नाविकों को जहाजों पर छोड़ दिया गया है। अभी तक इस साल कुल 116 जहाजों को छोड़ा गया है और 1672 नाविक फंसे हुए हैं। इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय परिवहन श्रमिक संघ (ITF) को उम्मीद है कि पिछले साल (2023) के मुकाबले इस साल जहाज छोड़ने के मामले और भी ज्यादा होंगे। 2023 में रिकॉर्ड 129 जहाज छोड़े गए थे जिन पर 1983 नाविक सवार थे, जिनमें 401 भारतीय शामिल थे।कई महीनों से नहीं मिला वेतन ITF ने संयुक्त अरब अमीरात में एक ही कंपनी द्वारा संचालित दो जहाजों पर फंसे 16 भारतीय नाविकों की जानकारी दी है। ये जहाज यूएई की कंपनी AIM ग्लोबल शिपिंग एंड फ्यूल सप्लाई द्वारा संचालित हैं। इन नाविकों को महीनों से वेतन नहीं दिया गया है, जहाजों पर वातानुकूलन की सुविधा नहीं है और खाने की भी कमी है। छह नाविक सीशाइन 7 जहाज पर हैं, जो शारजाह में लंगर डाले हुए है। उन्हें 40,000 डॉलर से अधिक का बकाया वेतन दिया जाना बाकी है।डेक पर सोने को मजूबर दस भारतीय संशाइन 7 नाम के जहाज पर हैं, जिनका उन्हें 35,000 डॉलर बकाया है। इस जहाज पर तंजानिया का झंडा है और इसे सितंबर 2022 में रद्द कर दिया गया था। इस जहाज पर न तो वातानुकूलन है और न ही रेफ्रिजरेशन की सुविधा है, और जनरेटर केवल एक घंटे के लिए चलता है। केबिनों में बहुत गर्मी होने के कारण चालक दल को डेक पर सोना पड़ता है। ITF फिलहाल जहाजों के मालिक के साथ बातचीत कर रही है।इस साल अब तक छोड़े गए 116 जहाजों में से 75% तथाकथित सुविधा ध्वज (Flags of Convenience – FOC) के अंतर्गत चल रहे हैं। सीशाइन 7 जहाज को पलाउ के झंडे के साथ FOC के रूप में पंजीकृत किया गया था, वहीं तंजानिया को भी ITF ने FOC घोषित किया है। सुविधा ध्वज का मतलब है कि जहाज किसी ऐसे देश के झंडे का इस्तेमाल करता है, जो जहाज के मालिक देश से अलग होता है। ऐसा श्रम और कर नियमों से बचने के लिए किया जाता है। ITF की FOC सूची में शामिल होने वाले नवीनतम देश गैबॉन और एस्वातिनी (पूर्व स्वाजीलैंड) हैं। एस्वातिनी एक ऐसा देश है जो समुद्र से घिरा नहीं है और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन का सदस्य नहीं है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद के दो सालों में गैबॉन ने अपनी रजिस्ट्री में 675% की वृद्धि देखी गई।