इन लकीरों को क्या कहते हैं?
कार के कांच पर बनी इन लकीरों को डीफॉगर लाइन (Defogger line) कहा जाता है। यह सिर्फ एक डिजाइन नही है बल्कि उम्दा टेक्निक है। यह लाइनें मेटल की बनी होती है। बारिश और ठंड में कोहरे के दौरान कार के पीछे वाले कांच पर धुंध जम जाती है। इस वजह से कार चला रहे ड्राइवर को पीछे का कुछ भी दिखा पाता है। इस दौरान इन डीफॉगर को चालू कर दिया जाता है और जिससे कुछ ही सेकंड में पीछे वाला कांच एकदम साफ हो जाता है। यह लाइनें सामान्य कारों में देखने को नहीं मिलती है। लग्जरी या टॉप मॉडल कार के कांच में ही यह लाइनें होती है। सभी कारों में यह लाइनें एक जैसी ही बनी होती है।
कैसे काम करती है डीफॉगर लाइनें?
दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है। धीरे-धीरे धुंध और कोहरा भी लगना शुरू हो गया है। ऐसे में कार के कांच में खींची डीफॉगर लाइनों का रोल अहम हो जाता है। जानते हैं यह कांच से धुंध को कैसे हटाती है। यह लाइनें मेटल की बनी होती है। जैसे ही स्टीयरिंग के पास दिए गए डीफॉगर स्विच को ऑन किया जाता है यह लाइनें गर्म हो जाती है, जिससे कांच पर मौजूद धुंध और पानी की बूदें सूख जाती है और कार चला रहे ड्राइवर को पीछे का सबकुछ साफ दिखने लगते हैैं और सड़क हादसे की संभावना काफी कम हो जाती है।
लाल ही क्यों होता है इन लाइनों का रंग?
डीफॉगर लाइनों का रंग लाल ही रखा जाता है। लाल रंग एक ऐसा कलर होता है जो दूर तक देखने में हमारी मदद करता है। मेटल की लाल लाइनें जल्दी गर्म होती है। ऐसे में डीफॉगर स्विच चालू करते ही यह कांच पर जमी बूंदों को एकदम साफ कर देती हैं। कार के पीछे जो लाइट दी गई होती है वह भी लाल कलर की ही होती है, जो यह सूचित करता है कि आगे कोई खतरा है। गाड़ी की रफ्तार धीमी कर लेनी चाहिए। यातायात में रेड लाइट का मतलब गाड़ी को या तो धीमा करना या फिर रोक देना होता है। इन तथ्यों को ध्यान में रखकर भी इन लाइनों का रंग लाल रखा जाता है।