पेंशन बढ़ाने वाली स्कीम क्या है? किसे कितना फायदा? आपके हर सवाल का जवाब यहां

नई दिल्ली: अगर आप भी नौकरीपेशा है और रिटायरमेंट के बाद पेंशन में मोटी रकम पाना चाहते हैं तो आपके लिए ये खबर खुशखबरी हैं। कर्मचारियों की पेंशन सुविधा के मैनेज करने वाली संस्था ईपीएफओ ( ) कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) के जरिए आपको अपना पेंशन बढ़ाने का मौका दे रही है। अगर आप इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं तो इसके लिए आप 3 मार्च तक आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इस स्कीम को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं। क्या इस स्कीम का लाभ सभी नौकरीपेशा लोगों को मिलेगा? इस स्कीम का लाभ कौन उठा सकता है? ईपीएस स्कीम से कितना फायदा होगा? क्या मुझे इस स्कीम का लाभ मिलेगा? ये पेंशन स्कीम है क्या? अगर आपके मन में भी इसी तरह का कोई सवाल है तो आइए इसकी पूरी डिटेल जानते हैं। क्या है EPS पेंशन स्कीम कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (EPFO) की ओर से चलाई जाने वाली कर्मचारी पेंशन स्कीम है। इसे 1995 में लॉन्च किया गया था। इस स्कीम में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही शामिल होते हैं। ईपीएफ फंड में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 % का योगदान इसमें करते हैं। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का समान योगदान होता है। नियोक्‍ता की ओर से किए गए योगदान का 8.33 फीसदी ईपीएस में जाता है और 3.67 फीसदी हर महीने ईपीएफ में जाता है। इस रकम पर ब्याज सहित रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को लौटा दिया जाता है। आपको बता दें कि पहले अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 6500 रुपये तय की गई थी, जिसे साल 2014 में बढ़ाकर 15000 रुपये कर दिया गया। किसे मिलेगा फायदा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक इस स्कीम के लिए योग्य कर्मचारियों की दो कैटेगरी बनाई गई। पहली कैटेगरी के तहत उन कर्मचारियों को रखा गया है, जो 1 सितंबर 2014 से पहले ईपीएस के मेंबर थे और उन्होंने हायर पेंशन का विकल्प को चुना। ये लोग पहले से ईपीएस में अधिक योगदान दे रहे थे, लेकिन ईपीएफओ ने उनके रिक्वेस्ट को रिजेक्ट कर दिया। दूसरी कैटेगरी में वो कर्मचारी शामिल किए गए, जो सितंबर 2014 को ईपीएस के सदस्य थे, लेकिन फॉर्म जमा करके वो हायर पेंशन का ऑप्शन नहीं चुन सके।