मुंबई गए पर, जड़ें नहीं भूले… अपने हंसमुख बेटे के जाने से उदास है सतीश कौशिक का गांव

भिवानी: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले का धनोंदा गांव बॉलिवुड ऐक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिक का पैतृक गांव है। गुरुवार को उनके निधन का समाचार सुनकर धनोंदा गांव में मातम पसर गया। 66 साल के फिल्म अभिनेता सतीश कौशिक का निधन अकेले धनोंदा ही नहीं बल्कि समूचे महेंद्रगढ़ के लिए बड़ा नुकसान है। सतीश कौशिक के ताऊ गोवर्धन लाल का परिवार आज भी गांव में रहता है। यहां उनके चचेरे भाई सुभाष कौशिक के घर सुबह से लोगों के आने-जाने का सिलसिला लगा हुआ है। हरियाणा में महेंद्रगढ़ जिले के कनीना सब डिविजन के पैतृक ग्राम धनोंदा के ब्राह्मण परिवार में जन्मे मशहूर फिल्मकार सतीश कौशिक का गांव और क्षेत्र से विशेष लगाव था। सामान्यतः वह छुट्टियों में गांव आते थे। गांव में होने वाले सामाजिक समारोह में शरीक होते। उनके आगमन की सूचना मिलने पर ग्रामीण भी खुशी से झूम उठते थे।गांव में किए कई विकास कार्यसाल 2010-11 में पूर्व सीपीएस अनीता यादव, डीसी डॉ. साकेत कुमार के कार्यकाल में उन्होंने धनोंदा में एक सामाजिक समारोह के माध्यम से खेल स्टेडियम की नींव रखी थी। जब भी वे गांव आते, ग्रामीण उनसे गांव के प्राचीन धार्मिक स्थल बाबा दयाल मंदिर, ठाकुर जी महाराज मंदिर सहित अनेकों विकास कार्य करवाने की मांग करते थे। नतीजतन उनकी ओर से गांव में कई विकास कार्य करवाए गए। सतीश कौशिक हरियाणा फिल्म प्रमोशन बोर्ड के चेयरमैन थे। उनके सान्निध्य में प्रदेश के अनेक युवाओं को फिल्म जगत में करियर अपनाने का मौका मिल रहा था।’उसकी हमें मुंबई घुमाने की इच्छा अधूरी रह गई’ गांव के निवासी और उनके पगड़ी बदल यार राजेंद्र नंबरदार ने बताया कि साल भर पहले ही वे गांव आए थे। उनका रहना-सहना मुंबई में ही था। वह बचपन में गर्मियों की छुट्टियों में गांव आते तो हम दिनभर पूरे गांव में घूमा करते। बचपन में हमने गुल्ली-डंडा, कबड्डी और कुश्ती खूब खेली। राजेंद्र के अनुसार सतीश जब भी गांव आता, हमें मुंबई आने को कहता। हम हर बार यह कहते हुए टाल देते कि अगली बार आएंगे। किसी को कहां पता था कि वह इतनी जल्दी चला जाएगा। उसकी हमें मुंबई घुमाने की इच्छा अधूरी ही रह गई।दिल्ली में जन्म, छह भाई-बहनों में सबसे छोटेधनोंदा गांव में रह रहे उनके ताऊ के बेटे सुभाष कौशिक ने बताया कि छह भाई-बहनों में सतीश कौशिक सबसे छोटे थे। 1950 के दशक में सतीश कौशिक के पिता बनवारी लाल दिल्ली में मुनीम का काम करते थे। कुछ समय बाद उन्होंने ताला बनाने वाली मशहूर हरिसन कंपनी की एजेंसी ले ली और परिवार को भी दिल्ली ले आए। दिल्ली में ही 13 अप्रैल 1956 को सतीश कौशिक का जन्म हुआ। उनकी सारी पढ़ाई वहीं हुई। उनके दोनों भाई मुंबई में ही रहते हैं। सतीश को बचपन से ही ऐक्टिंग का शौक था, जिसके चलते वह फिल्मों में आए।