बांदा: मध्य प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड के बांदा चित्रकूट व महोबा की सीमा से सटे बक्सवाहा जंगल () के बीच हीरा खनन () के लिए एक्सेल माइनिंग कंपनी को 382.131 हेक्टेयर आवंटित कर दी है। इसी जमीन पर खड़े करीब चार लाख हरे पेड़ों को काटने की तैयारी है। जिसके खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) में याचिका दायर की गई थी, जो खारिज हो चुकी है। जिससे कभी भी इस धरती पर लगे पेड़ों को मिटाने के लिए आरा चल सकता है।दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्रों के नष्ट होने का खतराबक्सवाहा के जंगल में पत्थरों की चट्टानों में दुर्लभ ऐतिहासिक शैल चित्र भी हैं। हीरा खनन से इनके भी नष्ट होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। पर्यावरण पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हीरा खनन के लिए 4 लाख पेड़ काटे जाएंगे तो पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचेगा। जो जमीन माइनिंग कंपनी को आवंटित की गई है। पेड़ कटान के लिए यहां आबाद सैकड़ों आदिवासी व अन्य परिवार विस्थापित किए जा रहे हैं। जिससे पर्यावरण कार्यकर्ता इस योजना का लगातार विरोध कर रहे हैं।वन काटने के लिए वन संरक्षक ने स्वीकृति दीइस संबंध में पर्यावरण पैरोकार और अधिवक्ता डॉ पीजी नाथ पांडे ने एनजीटी में याचिका दायर कर दी थी। लेकिन एनजीटी ने याचिका को खारिज कर दिया। इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रभाव यादव ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन ने एक्सेल माइनिंग कंपनी को हीरा खनन के लिए पत्र जारी किया है।हजारों पंछियों के बसेरे उजड़ जाएंगेकंपनी ने 27 करोड़ 52 लाख जमा भी कर दिए हैं। 364 हेक्टेयर में वन काटने के लिए वन संरक्षक ने स्वीकृति भी दे दी है। वही इस बारे में बुंदेलखंड के सक्रिय पर्यावरण कार्यकर्ता आशीष सागर दीक्षित सहित अन्य पैरोकारों का कहना है कि बक्सवाहा जंगल में इतनी बड़ी संख्या में हरे पेड़ काटे जाने से न सिर्फ बक्सवाहा बल्कि बुंदेलखंड का पर्यावरण भी गड़बड़ा जाएगा। यहां पर पेड़ों में हजारों की संख्या में पंछियों के बसेरे हैं वह सब उजड़ जाएंगे।पन्ना से 15 गुना अधिक हीरे बक्सवाहा जंगल मेंबताते चलें कि बक्सवाहा के जंगलों में 3.42 करोड़ कैरेट के हीरों का यहां दबे होने का अनुमान है। भारत में अभी तक हीरे का सबसे बड़ा भंडार मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में है लेकिन बक्सवाहा में तो पन्ना से 15 गुना अधिक हीरे निकलने का अनुमान लगाया गया है।MP सरकार ने कराया था सर्वेमध्य प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में हीरे की खोज के लिए 2010 में ऑस्ट्रेलियाई कंपनी रियो टेंटो की मदद से सर्वे कराया था। सर्वे के दौरान ही बक्सवाहा के आसपास किंबरलाइट पत्थर की चट्टानें दिखाई दीं। हीरा इन्हीं किंब्रलाइट की चट्टानों में मिलता है।