वैगनर ग्रुप ने रूस में किया विद्रोह, इन कंपनियों के पास से दुनिया के कई देशों से बड़ी फौज

नई दिल्ली: रूस में वैगनर ग्रुप (Wagner Group) ने विद्रोह कर दिया है। इसे पीएमसी वैगनर (प्राइवेट मिलिट्री कंपनी) के नाम से भी जाना जाता है। यह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के पुराने मित्र येवगेनी प्रिगोझिन की कंपनी है। वैसे तो रूस में प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों पर बैन है। लेकिन वैगनर को विशेष छूट मिली हुई है। इसके लोगों को रूस के रक्षा मंत्रालय से हथियार और ट्रेनिंग मिलती है। यह एक रूसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून लागू नहीं होता है। यह एक प्राइवेट मिलिट्री कंपनी और भाड़े के सैनिकों का एक नेटवर्क है। इसकी स्थापना 2014 में हुई थी। तब इसके सदस्यों की संख्या 250 थी लेकिन आज यह संख्या 50,000 से अधिक हो चुकी है। World of Statistics के मुताबिक यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी प्राइवेट मिलिट्री है। दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट मिलिट्री कॉन्ट्रैक्टर्स की बात करें तो इस लिस्ट में ब्रिटेन की जी4एस (G4S) पहले नंबर पर है। यह कंपनी प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स उपलब्ध कराती है। दुनियाभर में जी4एस के कर्मचारियों की संख्या 533,000 है। यह संख्या दुनिया के कई देशों के सैनिकों का संख्या से ज्यादा है। कम ही देशों के पास इतनी बड़ी सेना है। इसका इतिहास 100 साल से भी पुराना है। Marius Hogrefe ने साल 1901 में कोपेनेहेगन में एक सिक्योरिटी कंपनी की स्थापना की थी। इसका नाम बाद में Falck कर दिया गया। 2004 में Group 4 Falck के सिक्योरिटी बिजनस को Securicor के साथ मर्ज कर दिया गया और G4S की स्थापना हुई। भारत में इसकी शुरुआत 1989 में हुई और आज इसके देश में 130,000 कर्मचारी हैं। कौन-कौन हैं टॉप कंपनियांदुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्राइवेट मिलिट्री कंपनी अमेरिका की अलाइडबार्टन (Alliedbarton) है। इसके कर्मचारियों की संख्या 220,000 है। यह प्राइवेट सिक्योरिटी और स्टाफिंग कंपनी है। इस लिस्ट में चौथे नंबर पर अमेरिका की ही कंपनी केबीआर है। इसके कर्मचारियों की संख्या 28,000 है। इसके बाद एकैडमी (21,000), सीएसीआई इंटरनेशनल (20,000), DYNCORP (14,000) और कंट्रोल रिस्क्स (3,000) का नंबर है। दुनिया टॉप आठ प्राइवेट मिलिट्री कंपनियों में से पांच अमेरिका की, दो ब्रिटेन की और एक रूस की है।