407 एक्यूआई पर गाड़ियां छोड़ती रहीं धुआं, लेकिन 347 पर लगाई रोक, नियम तोड़ा तो 20 हजार फाइन

नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण की स्तर में अचानक बढ़ने के बाद अब कुछ घट गया है। सात दिनों बाद एक्यूआई का स्तर कम होकर 350 के नीचे आया है। पूर्वानुमान के अनुसार, अगले कुछ दिनों में स्थितियां और बेहतर होंगी। इन हालातों के बीच दिल्ली में सीएक्यूएम की एडवाइजरी को मानते हुए पेट्रोल की बीएस-3 और डीजल की बीएस-4 गाड़ियों पर रोक लगा दी गई है। नियम का उल्लंघन करने पर 20 हजार रुपये जुर्माने तक का प्रावधान है। यानी यह गाड़ियां 350 और 407 एक्यूआई के बीच तो धुंआ छोड़ती रहीं, लेकिन अब जब एक्यूआई कम हो रहा है तो इन गाड़ियों पर रोक है। अब राहत के लिए सीएक्यूएम की अगली मीटिंग का इंतजार है।

गंभीर स्तर पर पहुंचा प्रदूषण तो ग्रैप लागू
सीएक्यूएम से मिली जानकारी के अनुसार, ग्रैप को इस बार पूर्वानुमान के आधार पर लागू किया जा रहा है। मौसम विभाग ने इस बार कोई पूर्वानुमान नहीं किया और 4 दिसंबर को बिना पूर्वानुमान के एक्यूआई गंभीर स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद ही ग्रैप-3 को लागू किया गया। ग्रैप मीटिंग में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि 2,3 और 4 दिसंबर को भी पूर्वानुमान यही था कि 5 दिसंबर के बाद प्रदूषण में सुधार होंगे। इसके बावजूद प्रदूषण को गंभीर देखते हुए ग्रैप-3 को लागू कर दिया गया। ग्रीनपीस के अविनाश चंचल के अनुसार, यही वजह है कि ग्रैप को ऑटोमेटिक लागू करने की बजाय यह अधिकार सीएक्यूएम को दिया गया है। सीएक्यूएम इन परिस्थिति में अपने विवेक से फैसला कर सकता है। शाम पांच बजे यह आदेश आया और शाम 7 बजे राजधानी के प्रदूषण गंभीर स्थिति से सुधर कर बेहद खराब हो गया। इससे इन गाड़ियों को चलाने वालों में नाराजगी बढ़ना स्वभाविक है।

जनता के बीच बना रहेगा भ्रम
कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि पूर्वानुमान के तरीकों को मजबूत करने की जरूरत है, यदि ग्रैप को इसी फार्मुले पर लागू करना है। अन्यथा जनता के बीच भ्रम बने रहेंगे। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के परिवहन विभाग को भी यह सिर्फ सलाह दी गई थी, जो सभी एनसीआर के जिलों को दी गई थी। ऐसे में उन्हें भी अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए डीपीसीसी आदि से सलाह के बाद यह निर्णय लेना चाहिए था कि इसे लागू करें या न करें। वहीं यदि इस तरह की स्थितियां बन भी रही हैं तो ग्रैप के पुराने स्वरूप पर गौर किया जा सकता है। जिसमें प्रदूषण के 48 घंटों तक एक स्तर पर बने रहने के बाद नियमों पर अमल किया जाता था। ग्रैप को राजधानी मे कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अभी तक पर्यावरण सेवा बसें शुरू नहीं हो पाई है। पार्किंग फीस नहीं बढ़ाई जा सकी है।

पिछले कुछ दिनों का प्रदूषण स्तर

  • 29 नवंबर – 369
  • 30 नवंबर – 365
  • एक दिसंबर – 368
  • दो दिसंबर – 352
  • तीन दिसंबर – 370
  • चार दिसंबर – 407
  • पांच दिसंबर – 347

आगे कैसा रहेगा प्रदूषण का हालप्रदूषण के स्तर में रविवार की तुलना में काफी राहत मिली है। सोमवार को कोई भी एरिया गंभीर स्थिति में नहीं रहा। हालांकि अब भी कुछ जगहों पर प्रदूषण का स्तर 350 के ऊपर बना हुआ है। इनमें शादीपुर का 371, एनएसआईटी द्वारका का 352, आईटीओ का 377,आर के पुरम में 364, पंजाबी बाग में 366, नेहरू नगर में 388, सेक्टर-8 द्वारका में 375, पटपडगंज में 363, अशोक विहार में 352, सोनिया विहार में 360, रोहिणी में 366, वजीरपुर में 358, बवाना में 356, मुंडका में 359, आनंद विहार में 374 रहा।

10 से 16 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 6 और 7 दिसंबर को प्रदूषण में सुधार होगा। आठ दिसंबर को यह खराब स्थिति में भी पहुंच सकता है। खराब स्थिति मतलब एक्यूआई 300 के नीचे पहुंच सकता है। वहीं अगले छह दिनों तक यह बेहद खराब स्तर पर रहेगा। तीन दिनों तक हवाओं की गति 10 से 16 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। सफर के अनुसार, अगले तीन दिनों तक प्रदूषण में सुधार होगा लेकिन यह बेहद खराब स्तर पर बना रहेगा।