धौलपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री ने रविवार को दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के दो अन्य नेताओं ने कांग्रेस विधायकोंकी ओर से वर्ष 2020 में की गई बगावत के दौरान उनकी सरकार बचाने में मदद की थी। उन्होंने कांग्रेस के बागी विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें बीजेपी से लिए गए पैसे वापस करने चाहिए ताकि वे बिना किसी दबाव के अपना काम कर सकें। बता दें, सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों ने जुलाई 2020 में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद महीने भर का संकट समाप्त हो गया था। इसके बाद पायलट को उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। वसुंधरा राजे सहित तीन BJP नेताओं से गिरने बचाई हमारी सरकार: गहलोतधौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी विधायक कैलाश मेघवाल और एक अन्य बीजेपी विधायक शोभरानी कुशवाह के समर्थन के कारण उनकी सरकार बच सकी। उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया, ‘जो संकट आया हमारे ऊपर… केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान, गजेन्द्र शेखावत, इन सबने मिलकर षडयंत्र किया। राजस्थान के अंदर भी पैसे बांट दिए। अब वो लोग उन लोगों से पैसे वापस ले नहीं ले रहे हैं। मुझे चिंता लगी हुई है। वो पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं, वापस क्यों नहीं मांग रहे है इनसे (विधायको से) पैसा।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने यहां तक कह दिया हमारे विधायकों को जिससे पैसा लिया है, मानलो 10 करोड़ लिया है.. 20 करोड़ लिया है जो भी लिया है.. और आपने कुछ खर्च कर दिया हो.. वो खर्च किया हुआ हिस्सा मैं दे दूंगा.. कांग्रेस से दिलवा दूंगा।’ गहलोत ने विधायकों से अमित शाह को पूरा पैसा वापस लौटाने को कहा। उन्होंने कहा, ‘ उनका (अमित शाह का) पैसा मत रखो। उनका पैसा रखोगे तो आप पर हमेशा दबाव बना कर रखेंगे।’ उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वो गृहमंत्री भी हैं.. वो धमकाएंगे, डराएंगे.. जैसे वो गुजरात में डराते, धमकाते हैं.. महाराष्ट्र में धमका कर शिवसेना के दो टुकड़े कर दिए। 25 विधायकों को ले गए। बहुत खतरनाक खेल खेलते हैं अमित शाह।’पार्टी में सबको साथ लेकर चलना मेरी ड्यूटी: गहलोतउन्होंने कहा कि ‘सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मुझे तीन तीन बार मुख्यमंत्री बना दिया तो मेरी ड्यूटी बनती है कि मैं पुरानी बात भूलकर सबको साथ लेकर चलूं और पार्टी को विधानसभा चुनाव में वापस जिता कर लाऊं।’ गहलोत ने कहा कि जैसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते उन्होंने पूर्व भैरों सिंह शेखावत सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था, क्योंकि यह अनुचित था, उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने 2020 में कांग्रेस सरकार को गिराने का समर्थन नहीं किया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने भी उनकी बात सुनी और पार्टी का समर्थन नहीं किया। बता दें, धौलपुर विधायक कुशवाहा ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी, जिसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गृह क्षेत्र में रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वहां एक महंगाई राहत शिविर का भी निरीक्षण किया। गहलोत ने की कांग्रेस के तीन विधायकों की तारीफगहलोत ने 2020 में कांग्रेस सरकार के खिलाफ बगावत की जानकारी देने के लिए कांग्रेस विधायक रोहित बोहरा, चेतन डूडी और दानिश अबरार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये तीन विधायक, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले छह विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान उनका समर्थन किया था और उनकी सरकार को बचाया था। गहलोत ने कहा कि सरकार में मंत्री बनने के असली हकदार ये लोग थे, लेकिन वह उन्हें मंत्री के रूप में नियुक्त नहीं कर सके क्योंकि उसके कुछ राजनीतिक कारण थे। वह इसके लिए दुखी महसूस कर रहे हैं।