उत्तराखंड के परिवहन एवं समाज कल्याण मंत्री चंदन रामदास का बुधवार को बागेश्वर में निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे। उनके निधन पर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
बागेश्वर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ डी पी जोशी ने बताया कि मंत्री की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई। उन्होंने बताया कि मंत्री को सीने में घुटन महसूस होने की शिकायत के चलते दोपहर को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने बताया कि उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें आइसीयू में ले जाया गया लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद रामदास को बचाया नहीं जा सका।
रामदास कुछ अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे जिसके कारण उन्हें पूर्व में भी अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। हालांकि, वह ठीक होकर मंत्रालय का कामकाज सामान्य रूप से कर रहे थे।
उनके निधन की सूचना मिलते ही प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गयी। प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी, हरिद्वार से लोकसभा सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सहित प्रदेश के लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
राज्यपाल ने दिवंगत नेता को एक लोकप्रिय एवं मृदुभाषी जनप्रतिनिधि के साथ ही एक कुशल प्रशासक बताया। उन्होंने उनकी आत्मा की शांति के लिए भगवान से कामना की और कहा कि उनका निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
मुख्यमंत्री ने भी रामदास के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया और कहा कि उनके वरिष्ठ मंत्रिमंडलीय सहयोगी का निधन पूरे प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है। धामी ने कहा कि उन्होंने जीवन भर समाज में गरीबों, शोषितों, पिछड़ों और आम आदमी की भलाई के लिए कार्य किया। उन्होंने कहा कि उनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं मृदुभाषी था।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने दिवंगत नेता को एक समर्पित जननेता के रूप में याद करते हुए कहा कि रामदास पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और राज्य सरकार ने उन्हें हरसंभव बेहतर उपचार उपलब्ध कराया लेकिन बुधवार को अचानक उनका स्वास्थ्य खराब होने से उनका निधन हो गया।
बागेश्वर से भाजपा के टिकट पर लगातार चार बार विधायक रहे रामदास को पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में पहली बार मंत्री पद की जिम्मेदारी मिली थी।
राज्य सरकार ने उनके निधन की सूचना मिलते ही बैंक, कोषागार और उपकोषागार सहित प्रदेश के सभी कार्यालय बुधवार को एक दिन के लिए बंद कर दिए और प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया।