मध्य प्रदेश के सतना में रक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी कंधों पर उठाने वाले ही उसके भक्षक बन बैठे. दरअसल, एक सरकारी वाहन ने बाइक सवार भाई-बहन को जोरदार टक्कर मार दी. इसके बाद गाड़ी मौके से फरार हो गई. स्थानीय लोगों ने बाइक सवार जख्मी भाई-बहन को जिला अस्पताल पहुंचाया. हादसे में छात्रा के हाथ में फैक्चर हो गया. वहीं, उसके भाई के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं. पीड़िता का आरोप है कि अपर कलेक्टर की गाड़ी बहुत ही तेज रफ्तार में थी, हम लोगों को टक्कर मारकर भाग निकली.
मामला डालीबाबा इलाके का है. यहां की रहने वाली बीए फर्स्ट ईयर की छात्रा खुशबू साहू अपने भाई चंदन के साथ बाइक से ट्यूशन पढ़ने जा रही थी. बताया जा रहा है कि बाइक सिविल लाइन चौराहे से रेलवे कॉलोनी की तरफ मुड़ी. तभी तेज रफ्तार अपर कलेक्टर की चार पहिया गाड़ी(MP19CC-1600) ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी. घटना में बाइक सवार बहन और भाई सड़क पर ही गिर गए. दूसरी तरफ, अपर कलेक्टर का चार पहिया वाहन मौके से फरार हो गया.
तेज रफ्तार में था सरकारी वाहन, मारी टक्कर
मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने आनन-फानन जख्मी भाई- बहन को जिला अस्पताल पहुंचाया गया. हादसे में बहन खुशबू के एक हाथ फैक्चर आया तो भाई चंदन के सिर में गंभीर चोट आई है. घायल छात्रा ने बताया कि रेलवे कॉलोनी मोड़ होने के बावजूद अपर कलेक्टर के सरकारी वाहन की रफ्तार काफी तेज थी और उनकी बाइक को सीधी टक्कर मार दी. जिससे वह घायल हो गए, वाहन टक्कर मारने के बाद फरार भी हो गया.
फजीहत होते ही एक्शन में आई पुलिस
सरकारी गाड़ी से हुए हादसे की सूचना पर ही शायद मौके पर कोई रेलवे पुलिस या सिविल पुलिस नहीं पहुंची. प्रशासनिक अफसर के वाहन द्वारा घटना को अंजाम देने के बाद सोशल मीडिया में जमकर फजीहत प्रशासन को उठानी पड़ी. जिसके बाद रेलवे पुलिस सक्रिय हुई और घटना में घायल भाई-बहन से पूछताछ करने पहुंची. पुलिस मामले की जांच में लगी है. घायल भाई-बहन ने प्रशासनिक अफसर के वाहन को घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए बयान दर्ज कराए हैं.
रक्षक ही बन बैठे भक्षक!
जिनके कांधे पर पूरे जिले की रक्षा और व्यवस्था करने की जिम्मेदारी. वही, अफसर या उनका वाहन सार्वजनिक तौर पर घटना को अंजाम देकर इंसानियत को ताक में रखकर फरार हो गए. अब भला आम आदमी से कानून के पालन और इंसानियत की क्या उम्मीद की जाए. इतने असंवेदनशील घटना के बावजूद मामले में अभी तक न तो कोई अफसर बयान देने के लिए तैयार है और न ही अभी तक कोई अफसर घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए ही तैयार है. देखना दिलचस्प होगा कि जीआरपी की कार्रवाई किस अंजाम तक पहुंचती है.