यूक्रेन ने युद्ध के बीच रूस से तोड़ा खास नाता, पहली बार 25 दिसंबर को मनाया क्रिसमस, ऐसी थी पुरानी परंपरा

बॉबरित्सिया। यूक्रेनवासी आमतौर पर सात जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं, जैसा कि रूसी भी करते हैं। लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है, या ज्यादातर लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। कुछ ऑर्थोडॉक्स यूक्रेनवासियों ने 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने का फैसला किया है, जैसा कि विश्व भर में कई ईसाई करते हैं। बेशक, इसका संबंध युद्ध से है। दिसंबर महीने में प्रभु यीशु का जन्मोत्सव मनाने के विचार को यूक्रेन में हाल के समय तक पुरातनपंथी माना जाता था, लेकिन रूस के आक्रमण ने कई लोगों के दिलों-दिमाग को बदल कर रख दिया है।

अक्टूबर में, यूक्रेन में ऑर्थोडॉक्स चर्च का नेतृत्व इस बात से सहमत हुआ कि लोगों को 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की अनुमति दी जाए। यह चर्च रूसी गिरजाघर और देश में ऑर्थोडॉक्स ईसाई धर्म की दो शाखाओं में से एक से संबद्ध नहीं है। तारीखों का चयन एक ऐसे देश में स्पष्ट रूप से राजनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से संबद्ध है, जहां प्रतिद्वंद्वी ऑर्थोडॉक्स चर्च हैं तथा जहां अनुष्ठानों में हल्का सा भी बदलाव सांस्कृतिक युद्ध को जन्म दे सकता है।

7 जनवरी को क्यों आता है क्रिसमस

यूक्रेन में ऑर्थोडॉक्सी पर संप्रभुता रखने वाले रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च और कुछ अन्य पूर्वी ऑर्थोडॉक्स गिरजाघरों ने प्राचीन जूलियन कैलेंडर का इस्तेमाल जारी रखा है। इस कैलेंडर (पंचांग) में क्रिसमस ग्रेगोरियन कैलेंडर के 13 दिन बाद या सात जनवरी को आता है। बॉबरित्सिया में पिछले हफ्ते किये गये एक सर्वेक्षण में 204 लोगों में से 200 ने क्रिसमस मनाने के लिए नयी तारीख के रूप में 25 दिसंबर को स्वीकृति देने की हामी भरी थी।

हमेशा अलग दिन मनाया क्रिसमस

एक स्थानीय अधिकारी ने कहा, ‘‘यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि हमारे इतिहास में कभी भी हमने यूक्रेन में क्रिसमस मनाने का दिन संपूर्ण ईसाई जगत की तारीख पर नहीं रखा था। हर समय हमने अलग दिन निर्धारित किया था।’’ बता दें कि रूस ने यूक्रेन पर फरवरी में हमला किया था। इस युद्ध को लगभग 10 महीने हो गए हैं, लेकिन अभी भी यह खत्म नहीं हुआ है।