भारत का मान बढ़ाएगा उज्जैन का आर्यन, US के ग्लोबल अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में लेंगे हिस्सा

उज्जैन शहर का एक युवक जिसकी उम्र महज 21 साल है, ने अपनी प्रतिभा के बल पर शिकागो यूएसए की उड़ान भरी है. मध्यमवर्गीय परिवार के इकलौते बेटे आर्यन खरे संयुक्त राज्य अमेरीका द्वारा वित्त पोषित ग्लोबल अंडर ग्रेजुएट एक्सचेंज प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. बता दें कि पूरे भारत से केवल पांच लोगों का ही इस कार्यक्रम के लिए चयन होता है. आर्यन ने 12वीं सीबीएसई विद्यालय में सर्वोच्च अंक हासिल कर शहर का नाम रोशन किया था.
संयुक्त राज्य अमेरीका द्वारा वित्त पोषित ग्लोबल अंडर ग्रेजुएट एक्सचेंज प्रोग्राम में शहर के आर्यन खरे भारत का प्रतिनिधित्व करने पहुँच गए है. आर्यन आरती- उदयकुमार खरे के पुत्र है जो कि महाकाल वाणिज्यिक केंद्र मे निवास करते है. वे इस कार्यक्रम के तहत नार्थ सेंट्रल कॉलेज शिकागो, इलिनॉय मे मई 2023 तक एक सेमेस्टर तक लंबा अकादमिक अध्ययन करेंगे.
विद्यार्थी की क्षमताओं का होता है संपूर्ण विकास
बताया जाता है कि इस प्रोग्राम के माध्यम से प्रतिभावान युवा छात्रों को न केवल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण पेशेवर और नेतृत्व कौशल हासिल होती है, बल्कि वे विभिन्न देशो की नई संस्कृतियों और मूल्यो को भी समझने का प्रयास करते हैं, जिससे एक विद्यार्थी की क्षमताओं का संपूर्ण विकास हो पाता है. हर वर्ष अमेरीका सरकार द्वारा भारत से केवल पांच छात्रों का चयन इसके लिए होता है.
आर्यन की कामयाबी से खुश हैं माता-पिता
महाकाल वाणिज्यिक केंद्र निवासी आर्यन के माता-पिता आरती और उदय खरे ने बताया की आर्यन शिकागो में नॉर्थ सेंट्रल कॉलेज इलिनॉय में मई 2023 तक सेमेस्टर अध्ययन करेंगे. माता-पिता बोले, जिस उम्र में स्वामी विवेकानंद शिकागो गए थे, आज उसी उम्र में हमारा बेटा भी शिकागो में है.
क्या है यूएस ग्लोबल एक्सचेंज प्रोग्राम
ग्लोबल एक्सचेंज प्रोग्राम (ग्लोबल यूजीआरएडी) अमेरिकी विदेश विभाग के शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा प्रायोजित है. यह एक विशिष्ट अमेरिकी कॉलेज या विश्वविद्यालय में बिना पढ़े अकादमिक अध्ययन के सेमेस्टर के लिए पूरी तरह से वित्त पोषित छात्रवृत्ति है. प्रतिभागी अपने समुदायो के लिए प्रतिबद्ध युवा नेता हैं. कार्यक्रम के दौरान, यूजीआरएडी ग्लोबल प्रोग्राम में भाग लेने वाले संयुक्त राज्य में समुदाय, संस्कृति और शैक्षणिक शिक्षा का पता लगाने के लिए खुद को चुनौती देते हैं. वे सामुदायिक सेवा में भी भाग लेते हैं और अपने पेशेवर कौशल में सुधार करते हैं.