प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मध्य प्रदेश में एक कार्यक्रम में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का जिक्र करने के एक दिन बाद अब इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। पहले तो आम आदमी पार्टी की तरफ से इसके समर्थन की बात कही गई। अब मोदी सरकार की पुरानी सहयोगी और किसान आंदोलन के बाद एनडीए से अलग हुई अकाली दल ने इसका विरोध किया है। शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने ट्वीट करते हुए कहा कि शिअद का दृढ़ मत है कि यूसीसी का कार्यान्वयन देश में अल्पसंख्यकों के हित में नहीं है और केंद्र सरकार को इसे लागू करने के विचार को स्थगित कर देना चाहिए। इसे भी पढ़ें: अमेरिका की धरती से प्रधानमंत्री ने भारत विरोधी ताकतों को दिया कड़ा संदेशशिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने ट्वीट किया, 21वें विधि आयोग ने पहले ही अपनी परामर्श रिपोर्ट में कहा है कि यूसीसी न तो वांछनीय है और न ही व्यवहार्य है। यूसीसी पर आप नेता संदीप पाठक के बयान ने अरविंद केजरीवाल का असली चेहरा उजागर कर दिया है। शिअद का दृढ़ मत है कि यूसीसी का कार्यान्वयन देश में अल्पसंख्यकों के हित में नहीं है और केंद्र सरकार को इसे लागू करने के विचार को स्थगित कर देना चाहिए। 21वें विधि आयोग ने पहले ही अपनी परामर्श रिपोर्ट में राय दी है कि यूसीसी न तो वांछनीय है और न ही व्यवहार्य है।इसे भी पढ़ें: Uniform Civil Code पर मोदी सरकार को मिला AAP का समर्थन, अनुच्छेद 44 का किया जिक्रआप के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि सिद्धांत रूप में हम समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करते हैं क्योंकि अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए। हालाँकि, इसे सभी के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाना चाहिए। हमारा मानना है कि सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ व्यापक परामर्श किया जाना चाहिए और आम सहमति बनाई जानी चाहिए।