जीवन में हम सभी कभी न कभी किसी न किसी पर विश्वास या फिर कहें भरोसा जरूर करते हैं क्योंकि हर रिश्ते की बुुनियाद इसी भरोसे पर ही टिकी होती है. भरोसा चाहे ईश्वर का हो या फिर किसी मित्र या फिर किसी आत्मीय व्यक्ति का, उसकी मदद से हम कठिन से कठिन चुनौती का सामना बड़ी आसानी से कर जाते हैं, लेकिन भरोसे की डोर तब कमजोर पड़ने लगती है जब हम किसी पर शक करने लगते हैं या फिर कहें कोई व्यक्ति अपनी गलतियों से बार-बार इसे तोड़ने लगता है. कहा भी गया है कि भरोसा बनाने में व्यक्ति को कई साल लग जाते हैं, जबकि यह चंद सेकंड में टूट जाता है. आइए किसी भी रिश्ते को मजबूत बनाने वाले इसी भरोसे से जुड़े महापुरुषों के पांच अनमोल प्रेरक वाक्य पढ़ते हैं, जो आज भी जीवन के अंधेरे में रोशनी का काम करते हैं.
भरोसा एक रबड़ की तरह होता है और यह किसी भी रिश्ते में हर गलती के बाद छोटा और छोटा होता जाता है.
भरोसे के बगैर कोई भी रिश्ता बिना ईंधन वाली कार की तरह होता है, जिसमें आप जो चाहें रह सकते हैं, लेकिन वह आगे नहीं जाती है.
जीवन में हारने के लिए विश्वास सबसे आसान काम है और वापस पाने के लिए यह दुनिया की सबसे कठिन चीज है.
भरोसा एक फूलदान की तरह है होता है जिसे एक बार टूटने पर आप ठीक तो कर सकते हैं, लेकिन वो फूलदान फिर दोबार पहले जैसा नहीं रहता है.
जीवन में भरोसा उस चिड़िया की तरह होता है जो भोर होने से पहले के अँधेरे में भी उजाले को महसूस कर लेती है.