
मुनीर को ‘इमरान विरोधी’ अधिकारी के रूप में जाना जाता है। प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान ने उन्हें आईएसआई चीफ के पद से हटा दिया था। उन्होंने इसके लिए कोई स्पष्ट कारण नहीं दिया था। फिलहाल वह सेना के क्वार्टरमास्टर जनरल के रूप में कार्यरत थे। बाजवा के रिटायरमेंट के बाद वह पाकिस्तानी सेना में सबसे वरिष्ठ जनरल हैं। नए सेना प्रमुख पाकिस्तान के प्रमुख जासूस भी रहे चुके हैं। वह खुफिया एजेंसी आईएसआई और एमआई (मिलिट्री इंटेलिजेंस) के लिए काम कर चुके हैं।
शहबाज शरीफ ने किया भोज का आयोजन
बाजवा ने राष्ट्रपति अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज के साथ अलग-अलग विदाई बैठकें कीं। बाद में शहबाज ने पीएम हाउस में बाजवा के सम्मान में भोज का आयोजन किया। जनरल असीम मुनीर 14 अगस्त 1947 को अस्तित्व में आने के बाद से पाकिस्तान के 17वें सेना प्रमुख हैं। इस अवधि में पाकिस्तान करीब 30 प्रधानमंत्रियों का शासन देख चुका है। पाकिस्तान में सियासी उथल-पुथल एक स्थायी संकट है। वर्तमान में भी देश इसी तरह के हालात का सामना कर रहा है। इस बीच सैन्य नेतृत्व में एक बड़ा बदलाव हो रहा है।
विवादों में घिर गई बाजवा की विदाई
बाजवा का कार्यकाल पाकिस्तान के लिए कई मायनों में अहम रहा है। इन छह वर्षों में पाकिस्तान चीन और अमेरिका के करीबी आया है। रिटायरमेंट से कुछ दिन पहले बाजवा की विदाई विवादों में घिर गई। एक पाकिस्तानी वेबसाइट ने दावा किया कि बाजवा के सेना प्रमुख रहते उनका परिवार और रिश्तेदार अरबपति हो गए हैं। पाक सेना ने रिपोर्ट में साझा किए गए आंकड़ों को ‘झूठा’ बताया है और सरकार ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं।