भोपाल: एमपी में विधानसभा चुनाव (MP vidhansabha chunav 2023) में जीत पक्की करने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। साथ ही कई ऐसे प्रयोग कर रही है, जिससे लोग हैरान हैं। एमपी में बीजेपी ने पहली बार एक नई फौज तैयार की है। यह ब्रिगेड 230 है। ब्रिगेड 230 की पूरी टीम भोपाल में पहुंच गई है। यहां इन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है। ब्रिगेड 230 में बीजेपी ने बिहार, यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के विधायकों को शामिल किया है। यह एमपी के सभी 230 विधानसभा सीटों पर जाकर काम करेंगे। भोपाल में इन्हें काम की ट्रेनिंग दी जा रही है। सभी विधायकों को एक-एक सीट दी जाएगी। पार्टी नेताओं ने कहा कि चार राज्यों के इन बीजेपी विधायकों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र शनिवार को भोपाल में शुरू हुआ। इसके बाद वे राज्य में अपनी आवंटित विधानसभा सीटों का दौरा शुरू करेंगे। प्रदेश में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। प्रदेश में कुल 230 विधानसभा क्षेत्र हैं। बीजेपी के प्रदेश चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार की सुबह विधायकों के लिए प्रशिक्षण सत्र का उद्घाटन किया। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने फैसला किया है कि गुजरात, बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के पार्टी विधायक रविवार से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले विधायक उन्हें आवंटित अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे। साथ ही विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के संकल्प के साथ काम करेंगे। सूत्रों ने बताया कि कार्यक्रम के तहत वे पार्टी के स्थानीय पदाधिकारियों और मतदाताओं से बातचीत करेंगे। सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित किया है। प्रदेश के चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव ने विधायकों से कहा कि सभी अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी कार्यकर्ताओं, नागरिकों और हितग्राहियों तक यह संदेश पहुंचाएं कि बीजेपी की सरकार ही सबसे अच्छी सरकार है। वहीं, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक वैभवशाली, गौरवशाली, संपन्न और शक्तिशाली भारत के निर्माण के संकल्प को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं। चौहान ने कहा विकास के लिए पहली शर्त शांति है और 2003 में बीजेपी की सरकार बनते ही हमने इस दिशा में काम शुरू किया। चंबल के बीहड़ों से डाकुओं को सफाया कर दिया तो सिमी का नेटवर्क ध्वस्त कर दिया। 2003 से पहले नक्सली मंत्री की गर्दन काटकर ले जाते थे, हमने नक्सलियों की गतिविधियों पर रोक लगाई। मध्यप्रदेश ने सबसे पहले बहन-बेटियों पर गलत नजर डालने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया। चौहान ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में प्रदेश में टूटी फूटी सड़कें थीं, हमने 5 लाख किलोमीटर शानदार सड़कें बनाई। बिजली उत्पादन को 2900 मेगावाट से 29000 मेगावाट तक पहुंचाया। किसानों को हमारी सरकार केंद्र सरकार के अलावा 6 हजार रुपए किसान सम्मान निधि दे रही है। उन्होंने कहा कि बहनों और बेटियों के सशक्तीकरण के लिए हमने पहले लाड़ली लक्ष्मी और अब लाड़ली बहना योजना बनाई है। इनके आधार पर ही हम फिर से सरकार बनाएंगे। आप सभी के सहयोग से प्रदेश में बीजेपी की प्रचंड लहर चलेगी, जिसमें कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी। दरअसल, गुरुवार को सत्तारूढ़ बीजेपी ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही राज्य विधानसभा चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इस सूची में भगवा पार्टी ने 2018 में हारी हुई सीटों और 2013 में भी हारी कुछ सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें तीन पूर्व मंत्रियों समेत 14 ऐसे उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे।यही नहीं, चुनाव की घोषणा से पहले भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपनी सरकार की रिपोर्ट कार्ड भी जारी कर रहे हैं। इसके बाद ग्वालियर में प्रदेश कार्य समिति की मीटिंग में जाएंगे। इस बार एमपी में चुनाव की कमान केंद्रीय नेतृत्व के पास है। अमित शाह बेहद आक्रामक अंदाज में चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। एक महीने में चौथी बार वह एमपी में आ रहे हैं। ब्रिगेड 230 के पीछे भी उन्हीं का दिमाग है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा 109 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा विधायकों के समर्थन से पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई। हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में बगावत के बाद कमलनाथ सरकार 15 महीने बाद गिर गयी थी।