कपिल देव प्रसाद को पद्म श्री
68 वर्षीय कपिल देप प्रसाद नालंदा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने कपड़ा कला में बेहतरीन काम किया है। जिसकी वजह से उन्हें ये पुरस्कार दिया गया है। बिहार को गौरव दिलाने वाले कपिल देव प्रसाद बवन बूटी कला के मर्मज्ञ हैं। इन्होंने अपने अब तक कई बड़े और लंबे कपड़ों पर अपनी कला उकेरी है। कपिल देप प्रसाद ने बसवनबिगहा की बुनकरी को 20 साल बाद राष्ट्रीय स्तर की कला के रूप में पहचान दिला चुके हैं।
आनंद कुमार को पद्म श्री
उसके अलावा आनंद कुमार को शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री का पुरस्कार मिला है। 1 जनवरी 1973 को जन्म आनंद बिहार के शिक्षाविद् और विद्वान माने जाते हैं। इन्होंने सुपर थर्टी के माध्यम से गरीब बच्चों का दाखिला आईआईटी जैसे संस्थानों में कराने की जिम्मेदारी ली। इन पर विश्व की कई बड़ी नामी कंपनियों ने फिल्म बनाई है। डिस्कवरी इंडिया के साथ मुंबई के फिल्म निर्माताओं ने भी आनंद के जीवन पर फिल्म बनाई है। आनंद के पिता डाक विभाग में एक लिपिक रहे। आनंद ने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है और सुपर थर्टी चलाते हैं। सरकार ने उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पुरस्कार दिया है।
बिहार के तीन लोगों को अवार्ड
सुभद्रा देवी को बिहार में कला के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए बेहतर काम करने के लिए पद्म श्री अवार्ड दिया गया है। बिहार के तीन विभूतियों का अवार्ड मिलने के बाद पूरे प्रदेश में खुशी की लहर दौड़ गई है। सुभद्रा देवी मधुबनी जिले की रहने वाली हैं।