पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख के लिए तीन नाम सबसे आगे, इन्हें मिली कमान तो कैसे होंगे भारत के साथ संबंध?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सेना प्रमुख की नियुक्ति सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान की सरकार ने सोमवार को कहा है कि सेना प्रमुख और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया इस सप्ताह पूरी हो जाएगी। इसमें अब तीन जनरल का नाम सबसे आगे है। ये जनरल वे हैं जो भारत के साथ संबंधों की अच्छी समझ रखते हैं या फिर द्विपक्षीय मुद्दों को निपटाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगले सेना प्रमुख के नियुक्ति की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई है।

इनकी नियुक्तियां जल्द ही संवैधानिक आवश्यक्ताओं के अनुरूप पूरी हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा सेना प्रमुख के पद के लिए पांच या छह सबसे वरिष्ठ जनरलों के नाम पर विचार किया जाएगा और नियुक्ति 25 नवंबर तक पूरी हो जाएगी। सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर पाकिस्तान में लंबे समय से अटकलें लगती रही हैं। खास कर तब जब सेना प्रमुख और इमरान खान के बीच संबंधों में खटास आ गई। इमरान ने हाल ही में मांग की थी कि अगले सेना प्रमुख को 2023 में चुनाव के बाद नई सरकार को चुनना चाहिए।

कौन-कौन हैं रेस मेंपाकिस्तान में नए सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह लेंगे। बाजवा 27 नवंबर को रिटायर होंगे। जनरल बाजवा की सर्विस को इमरान खान ने ही तीन साल बढ़ाया था। लेकिन अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इमरान खान को सत्ता से हटा दिया गया। तभी से इमरान और सेना के बीच टकराव चल रहा है। पाकिस्तान के नए जनरल बनने की रेस में लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा और लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास हैं जो भारत से जुड़े मामलों की अच्छी समझ रखते हैं। तीसरे जनरल लेफ्टिनेंट असीम मुनीर हैं जो भारत में पुलवामा हमले के दौरान ISI के चीफ थे।

असीम मुनीर को पसंद नहीं करते इमरानतीनों जनरलों में से असीम मुनीर ऐसे व्यक्ति माने जाते हैं जो अगर सेना प्रमुख बने तो भारत-पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण रहेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा इसलिए क्योंकि पुलवामा हमले के बाद भारत की एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तानी एयरफोर्स को हमला करना चाहिए ये असीम मुनीर का ही फैसला था। हालांकि असीम मुनीर को एक साल के छोटे कार्यकाल के बाद ISI प्रमुख के पद से हटा दिया गया। ऐसा इसलिए क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को उनका हर समय नियमों से चलने वाला व्यवहार अच्छा नहीं लगा। इसी कारण सत्तारूढ़ PML-N का एक वर्ग उन्हें सेना प्रमुख बनाने का समर्थन करता है।

सीजफायर करा चुके हैं जनरल अब्बासजनरल अब्बास को भारत के साथ संबंधों में सबसे अनुभवी माना जाता है। इससे पहले जनरल अब्बास 2019-21 तक रावलपिंडी स्थित एक्स कॉर्प्स के प्रमुख रह चुके हैं। एक्स कॉर्प्स कश्मीर के कुछ हिस्सों में संचालन की देखरेख करता है और फरवरी 2021 में LOC पर सीजफायर को लागू करने के लिए अब्बास ही पाकिस्तान की ओर से बातचीत कर रहे थे। वहीं जनरल मिर्जा को भी भारत से जुड़े मामलों की अच्छी जानकारी है। वह भी एक्स कॉर्प्स के कमांडर रह चुके हैं।