रूस से परमाणु युद्ध का खतरा, अमेरिका से महाशक्तिशाली अब्राम टैंकों की दूसरी खेप खरीदेगा पोलैंड

वारसा: पोलैंड के रक्षामंत्री ने बुधवार को अमेरिकी अब्राम मुख्य लड़ाकू टैंकों की दूसरी खेप खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। रूस क यूक्रेन पर हमले के बाद से पोलैंड अपनी सुरक्षा क्षमता को बढ़ा रहा है और अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग को मजबूत कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि पोलैंड यूरोप में अमेरिका का पहला सहयोगी है जो प्राप्त कर रहा है। पोलैंड के रक्षामंत्री मारिउज ब्लास्जाक ने वारसा के नजदीक वेसोला सैन्य ठिकाने पर 1.4 अरब डॉलर के इस करार पर हस्ताक्षर किया। समझौते के तहत अमेरिका 116 एम1ए1 अब्राम टैंकों का संबंधित उपकरणों और लाजिस्टिक के साथ इसी साल से आपूर्ति शुरू कर देगा।

सेना को मजबूत कर रहा पोलैंड

पोलैंड के उप प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी भी संभाल रहे ब्लास्जाक ने कहा कि हम पोलैंड के सशस्त्र बलों को मजबूत कर रहे हैं, अहम पोलैंड की फौलादी सेना को मजबूत कर रहे ताकि वह आक्रमणकारियों का मुकाबला करने के लिए अपनी शक्ति बढ़ा सके। उन्होंने कहा कि पोलैंड और अमेरिका के बीच सहयोग पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, खासतौर पर नाटो के अंतर्गत आने वाले देशों की।

पोलैंड में है अमेरिकी सैन्य अड्डा

समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित समारोह में पोलैंड में अमेरिका के उप मिशन प्रमुख डेनियल लॉटन और अमेरिकी सेना की 101वीं हवाई डिवीजन के उप कमांडर ब्रिगेडियर जनरल जॉन लुबास मौजूद थे। अमेरिकी सेना की 101वीं हवाई डिवीजन का एक हिस्सा दक्षिणपूर्वी पोलैंड में यूक्रेन की सीमा के नजदीक तैनात है।

पुराने अब्राम टैंकों को अपग्रेड कर रहा पोलैंड

लॉटन ने कहा कि अमेरिका-पोलैंड साझेदारी इससे पहले इतनी अहम नहीं थी और यह टैंक समझौता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उस वादे का हिस्सा है जिसमें उन्होंने ” हमारे सबसे मजबूत भरोसेमंद सैन्य क्षमता को पोलैंड को तत्कालिक आधार पर देने की बात की है।” उल्लेखनीय है कि पोलैंड ने पिछले साल 250 अपग्रेडेड एम1ए2 अब्राम टैंकों के लिए 4.7 अरब डॉलर का समझौता किया था जिनकी आपूर्ति वर्ष 2025-26 में होगी।

पोलैंड को रूस से कैसे है खतरा

पोलैंड रूस के मुख्य भूमि से काफी दूर है। इसके बावजूद पोलैंड की सीमा से सटे कलिनिनग्राद पर रूस का नियंत्रण है। कलिनिनग्राद में रूसी नौसेना के बाल्टिक सागर बेड़े का मुख्यालय भी है। रूस का यह विशेष प्रशासनिक जिला 223 किलोमीटर के इलाके में फैला है। रूस ने पिछले साल यूक्रेन पर हमला करने के बाद कलिनिनग्राद में ही परमाणु हमले का अभ्यास किया था। रूस की कई परमाणु हमला करने में सक्षम पनडुब्बियां इस बेस पर तैनात रहती हैं। ऐसे में अगर युद्ध होता है कि रूस इस बेस से परमाणु हमला कर सकता है।