‘स्यूसाइड का विचार भी मेडिकल इमरजेंसी, तुरंत इलाज जरूरी’, जानें कितने दिन तक रहता है खतरा

नई दिल्ली : इहबास के मनोचिकित्सक डॉक्टर ओमप्रकाश ने बताया कि स्यूसाइड का विचार एक मेडिकल इमरजेंसी है, जैसे हार्ट अटैक आने पर मरीज को तुरंत इमरजेंसी में ले जाते हैं, उसी तरह स्यूसाइड के विचार भी गंभीर होते हैं। अगर ऐसा कोई अलर्ट आप अपने सामने महसूस करें तो पीड़ित शख्स को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल लेकर जाना चाहिए। स्टडी में पाया गया है कि स्यूसाइड का विचार आने के बाद के दो-तीन घंटे बेहद अहम होते हैं और अगले सात दिन तक खतरा बना रहता है।डॉक्टर ओमप्रकाश का कहना है कि स्यूसाइड का विचार आना एक बायोलॉजिकल चेंज है, जिसमें दिमाग के केमिकल बदलते हैं। इसे समय पर रोकने के लिए इलाज जरूरी है। ऐसे मामलों में तुरंत अस्पताल पहुंचाना और मरीज के साथ रहना बहुत जरूरी है। यह भी देखा गया है कि ऐसे लोग पहला अटेंप्ट फेल होने पर दोबारा भी प्रयास करते हैं। ऐसे मरीजों के इलाज में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ECT) एक कारगर थेरेपी है। इस थेरेपी से मरीज के मनोवैज्ञानिक हालात में सुधार होता है और स्यूसाइड की प्रवृत्ति घटती है। केस स्टडी 1: छात्रा की बचाई जानदिल्ली में रह रही एक 23 साल की युवती पढ़ाई कर रही थी। वह अकेले रह रही थी। उन्होंने टेलि-मानस से संपर्क किया और बताया कि उसे एंग्जाइटी हो रही है और स्यूसाइड के विचार आ रहे हैं। यह समस्या उसके पढ़ाई से जुड़े फैसले में परिवार का साथ न मिलने के कारण हुई। टेलि-मानस काउंसलर ने उन्हें इमोशनल सपोर्ट दिया और उनकी काउंसलिंग की। कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर से फोन किया और बताया कि वह अपनी कलाई काटने वाली थीं। टेलि-मानस काउंसलर और डॉक्टर ने उन्हें इमरजेंसी में आने की सलाह दी, लेकिन वह तैयार नहीं थीं। इसके बाद उनके दोस्त और मकान मालिक की मदद से उन्हें अस्पताल लाया गया, जिससे उनकी जान बच गई। केस स्टडी 2: परिवार के प्रेशर से बिगड़ी मेंटल हेल्थएक 17 साल की हाई स्कूल छात्रा ने टेलि-मानस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वह ग्राफिक और फैशन डिजाइन में रुचि रखती थीं, लेकिन माता-पिता उन्हें आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए मजबूर कर रहे थे। इस दबाव से उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा था। टेलि-मानस टीम ने उनकी काउंसलिंग की और माता-पिता से बातचीत की। इससे उनकी समस्या का हल निकला और उनकी मानसिक स्थिति में सुधार हुआ।केस स्टडी 3: बेरोजगारी से परेशान UPSC की तैयारी कर रहा युवकदिल्ली में UPSC की तैयारी कर रहा 31 साल का युवक बेरोजगारी से परेशान था और निराश होकर टेलि-मानस में कॉल कर मदद मांगी। उनकी स्थिति को समझते हुए टीम ने उनकी काउंसलिंग शुरू की, और कई सेशन दिए गए। एंग्जाइटी मैनेजमेंट के तरीके बताए और करियर स्ट्रैटिजी के बारे में भी बताया गया। इसके बाद उन्होंने अपने करियर पर फिर से फोकस किया और आगे बढ़ने का फैसला किया।टेलीमानस क्या है?टेली मानस भारत सरकार की तरफ से स्वास्थ मंत्रालय की सेवा है। इसका मुख्य उद्देश्यसपूरे देश में 24 घंटे फ्री टेली मेंटल हेल्थ सेवाएं प्रोवाइड करना है, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्र एवं कम सेवा वाले क्षेत्रों के लोगों को इस नेटवर्क से जोड़ना है। टेली-मानस हेल्पलाइन (14416) फ्री, गोपनीय और 24/7 मानसिक स्वास्थ्य सहायता देती है। यह हेल्पलाइन तुरंत मदद देती है और प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार को सही मार्गदर्शन दे सकती है