नई दिल्ली/पटना: राज्यसभा में जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने बिना लिए सपा सांसद जया बच्चन पर निशाना साधा। संजय झा ने कहा कि उन्होंने बैठकर सारे माहौल को उकसाने का काम किया। उसके बाद सारे कांग्रेस के लोग इकठ्ठा हुए। वो बैठे बैठे स्पीकर की तरफ इशारा करके कुछ बोल रही थीं। मैं तो यही कहूंगा जो हमारे हाउस के नेता हैं जेपी नड्डा और जीतने सीनियर लोग हैं, जिन्होंने अपनी भावना व्यक्त की है, ये जो बैठी हुई हैं, सबसे पहले उपसभापति महोदय ने उनका नाम लिया तो उन्होंने उसका प्रोटेस्ट किया। आपने स्पष्ट किया जो आप नॉमिनेशन में कागज देते हैं वही नाम लिया जाता है। उसका एक प्रोसेस है इसको चेंज करने का। आप चेंज करा सकते हैं। आज फिर वह उसी को लेकर आपत्ति जता रही थीं। अगले दिन वह अखबार में छपता है। न्यूज बनता है, हेडलाइन बनता है, मैं देखता हूं डिजिटल चैनलों पर चलता रहता है। संजय कुमार झा ने आगे कहा कि मुझे लग रहा है कि इन लोगों को पच नहीं रहा है। नरेंद्र मोदी का तीसरी बार आना इन लोगों पच ही नहीं रहा है। सच्चाई ये है और काई वजह नहीं है। जो जयंत जी कह रहे थे, इस चेयर का अपना सम्मान है। आप वहां से डायरेक्शन देते हैं, आप वहां से रूलिंग देते हैं। मैं अपनी पार्टी की तरफ से यही निवेदन करूंगा, क्योंकि ये बार-बार होता रहेगा। आप थोड़ा सॉफ्ट मत होइए। आप थोड़ा डंडा चलाइए। नहीं तो हमेशा ये दिक्कत होता रहेगा। मैं देखता हूं आप बहुत सहते हैं, कुछ लोग मजाक भी बनाते हैं। ये लोग उसकी सराहना नहीं करते हैं। उनको माफी मांगनी ही चाहिए।सभापति जगदीप धनखड़ से जया बच्चन की तीखी बहसबता दें कि राज्य सभा में शुक्रवार को कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में सांसद जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी बहस हो गई। जया बच्चन ने सभापति धनखड़ के “जया अमिताभ बच्चन” कहने पर आपत्ति जताई। जया ने कहा कि वह एक कलाकार हैं और बॉडी लैंग्वेज समझती हैं। उन्होंने सभापति के लहजे पर नाराजगी जताई। विपक्ष ने सभापति पर जया बच्चन के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट किया।राज्यसभा में जया बच्चन के बोलने के दौरान सभापति ने उन्हें ‘जया अमिताभ बच्चन’ कहकर संबोधित किया। इस पर जया बच्चन ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं और एक्सप्रेशन (भाव) समझती हूं। मुझे माफ कीजिएगा सर, लेकिन आपका जो टोन है, वो मुझे स्वीकार नहीं है। हम सहकर्मी हैं, भले ही आप चेयर पर क्यों नहीं बैठे हों।’सभापति ने जया को खूब समझाया, लेकिन नहीं मानीजया बच्चन के इस बयान पर सभापति धनखड़ ने कहा, ‘ये धारणा नहीं रखें कि सिर्फ आपकी ही प्रतिष्ठा है। एक वरिष्ठ संसद सदस्य के रूप में आपके पास सभापति की प्रतिष्ठा को कम करने का लाइसेंस नहीं है।’ सभापति ने आगे कहा, ‘भले की आप कोई भी हों, भले ही आप सेलिब्रिटी ही क्यों न हो। मैं इस तरह की चीजें बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा। मेरी टोन, मेरी लैंग्वेज और मेरे टेंपर की बात हो रही है। मैं किसी के इशारे पर काम नहीं करता हूं।’इस बहस के बाद सदन में हंगामा मच गया। विपक्ष ने सभापति पर जया बच्चन के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया। विपक्ष ने इस घटना के विरोध में सदन से वॉकआउट भी किया। सभापति ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे सदन को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। सदन से बाहर आकर जया बच्चन ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, ‘मैंने सभापति के टोन को लेकर आपत्ति जताई। हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं उनके बोलने के लहजे से परेशान थी और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप यह कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए।’जया बच्चन ने आगे कहा, ‘मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का प्रयोग करना, जो मैं यहां सबके सामने नहीं कहना चाहती। ‘तुम उपद्रवी हो’, ‘बुद्धिहीन’ हो, ये कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं। मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं। आजकल संसद में जिस तरह से बातें कही जा रही हैं, पहले कभी किसी ने नहीं बोलीं। मुझे माफी चाहिए।’ यह घटना राज्यसभा में सभापति और सदस्यों के बीच बढ़ते तनाव का एक और उदाहरण है। विपक्ष का आरोप है कि सभापति पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हैं और विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देते।