
औषधीय गुण होने के कारण ड्रैगन फ्रूट की कीमत काफी अधिक होती है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के विद्यार्थियों ने कृषि फार्म पर प्रायोगिक तौर पर शिक्षकों के निर्देशन में 48 पौधे लगाए हैं। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के मुताबिक अभी यह प्रयोग शुरूआती दौर में है और कुछ समय बाद झांसी जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के किसानों को बुलाकर इस खेती के बारे में जानकारी और प्रशिक्षण देंगे। ड्रैगन फ्रूट के साथ इंटरक्रॉपिंग भी की जा सकती है, इसलिए बुंदेलखंड में किसानों के लिए इसे आमदनी को बढ़ावा देने वाले प्रयोग के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।
किसानों को देंगे ड्रैगन फ्रूट की खेती का प्रशिक्षण
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संतोष पांडेय के मुताबिक औद्यानिकी के माध्यम से बुंदेलखंड में किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सकता है। बुंदेलखंड में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं मौजूद हैं। अभी प्रायोगिक तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती पर काम शुरू किया है। आने वाले दिनों में स्थानीय किसानों को ड्रैगन खेती के तरीके बताने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण देने की योजना तैयार की जा रही है।
रिपोर्ट – लक्ष्मी नारायण शर्मा