छत पर ‘आसमानी फल’ उगाता है यह किसान, सिर्फ बीज बेचकर लाखों की कमाई

नई दिल्‍ली: जोजो पुनक्‍कल (Jojo Punnackal) बीते कुछ साल से अपनी छत पर खास तरह का फल उगा रहे हैं। यह मूल रूप से वियतनाम, मलेशिया और थाइलैंड में पाया जाता है। इसका नाम Gac फ्रूट है। 2018 में एक ईवेंट के दौरान जोजो ने पहली बार यह फल देखा था। तरबूज के आकार का यह फल बाहर से कांटेदार होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में बीटा कैरोटीन के साथ ओमेगा 6 और 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं। इतने सारे गुणों के कारण ही इसे ‘आसमानी फल’ (Fruit of Heaven) भी कहा जाता है। वियतनाम और चीन में इसका इस्‍तेमाल पारंपरिक दवाओं में होता रहा है। पकते-पकते यह चार रंग बदलता है। सुर्ख लाल होने पर इसे तोड़ लिया जाता है। जब यह कच्‍चा होता है तो इसका इस्‍तेमाल सब्‍जी की तरह भी होता है। जोजो पुनक्‍कल केरल में रहते हैं। वह एक किसान हैं। एक ईवेंट में पुनक्‍कल का ध्‍यान खास तरह के फल पर गया। यह बात 2018 की है। फल बेहद चमकदार था। रंग रेडिश-ऑरेंज। ऊपर से कांटेदार परत। उन्‍होंने इस फल के कुछ बीज लिए। इन बीजों ने बाद में पुनक्‍कल की जिंदगी बदल दी। उनका घर आज Gac फल उगाने के लिए मशहूर है। यह खास तरह का विदेशी फल है। मुख्‍य रूप से इसे वियतनाम में उगाया जाता है। पुनक्‍कल बताते हैं कि वह अपने खेतों में कई तरह के कैश क्रॉप उगा रहे थे। लेकिन, Gac फल ने लॉटरी लगा दी। उन्‍होंने अपने घर की छत पर Gac फल के 30 से ज्‍यादा पौधे लगा रखे हैं। अपने घर के आसपास भी उन्‍होंने इन्‍हें लगाया है। बाजार में ब‍िकता है 1,200 रुपये क‍िलो 1 किलो Gac फल की बाजार कीमत 900 से 1,200 रुपये के बीच है। लेकिन, पुनक्‍कल ने फलों के बजाय इसके बीज बेचने शुरू किए। सिर्फ बीज बेचकर वह सालाना 2 लाख रुपये तक कमा लेते हैं। फल खरीदने वाले तो हाथों-हाथ लेने को तैयार ही रहते हैं। Gac फल जब कटता है तो अंदर से नारंगी गूदा निकलता है। इसमें काले रंग के बीज होते हैं। पक जाने पर ऊपर से यह लाल रंग का दिखता है। इसे चाइनीज बिटर कुकुम्‍बर या स्‍पाइनी गोवार्ड (कांटेदार करेला) कहा जाता है। औषधीय गुणों के कारण इस फल को ‘फ्रूट ऑफ हैवन’ (आसमानी फल) भी कहते हैं। गुणों की खान है यह फल यह फल एंटीऑक्‍सीडेंट्स (कैरोटिनॉयड्स) का अच्‍छा स्रोत है। खासतौर से इसमें बीटा कैरोटीन और लायकोपीन प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इस फल की पत्तियों का इस्‍तेमाल त्‍वचा और आंख के रोग के इलाज में होता है। जोजो कच्‍चे फल का इस्‍तेमाल खास तरह की सब्‍जी (थोरान) बनाने के लिए करते हैं। इसका इस्‍तेमाल स्किन क्रीम्‍स, साबुन, जैम और तेल जैसे वैल्‍यू-ऐडेड प्रोडक्‍टों को बनाने में भी होता है। केरल के कासरगोड, कोझिकोड और मलप्‍पुरम जिलों में कई किसान आज उनसे बीज ले जाकर इस फल को सफलतापूर्वक उगा रहे हैं। इससे उनकी शानदार कमाई होती है।