चंद्रयान-3 मिशन के लिए आज की रात खास, ISRO की धुकधुकी बढ़ाएगी यह परीक्षा

नई दिल्‍ली: के साथ अब तक सबकुछ ठीक रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने जो कुछ भी प्‍लान किया था, मिशन उसके मुताबिक चला है। अब यह मिशन अपने अंतिम पड़ाव में पहुंच गया है। अभी से कुछ घंटे बाद इस मिशन को एक और परीक्षा से गुजरना है। लैंडर मॉड्यूल आज रात दूसरी ‘डिबूस्टिंग’ से गुजरेगा। यह गति कम करने की प्रक्रिया है। लैंडर मॉड्यूल लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त है। इसे एक कक्षा में उतारा जाएगा जो इसे चांद की सतह के बहुत करीब पहुंचा देगा। सबकुछ सही रहा तो 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी। बीते दिनों लैंडर मॉड्यूल ने सफलतापूर्वक एक डिबूस्टिंग प्रक्रिया को पूरा किया था। इससे इसकी कक्षा घटकर 113 किलोमीटर x 157 किलोमीटर रह गई थी। दूसरी डिबूस्टिंग प्रक्रिया कुछ घंटे बाद होनी है। भारतीय समयानुसार, इसे 20 अगस्‍त को देर रात दो बजे क‍िया जाना है। चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल और प्रपल्‍शन मॉड्यूल गुरुवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे। चंद्रयान-3 ने 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद पांच अगस्त को चांद की कक्षा में प्रवेश किया था। इसरो के अधिकारियों ने 20 अगस्त को दूसरे डि‍बूस्टिंग ऑपरेशन से एक दिन पहले शनिवार को कहा कि चंद्रयान -3 बिलकुल ठीक है। सब कुछ योजना के अनुसार चल रहा है। अंतरिक्ष एजेंसी अंतरिक्ष यान की स्पीड को धीरे-धीरे कम करने के लिए डिबूस्टिंग या डीएक्सेलेरेशन ऑपरेशन का संचालन करती है ताकि यह चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले एक खास नियंत्रित गति प्राप्त कर सके।