उन्नाव जनपद के पुरवा तहसील अंतर्गत दलीगढ़ी मोहल्ला निवासी रहीश अहमद के बेटे अजबान उम्र 4 वर्ष और दूसरा बेटा शहन लगभग ढाई साल का है। करीब 1 सप्ताह से दोनों बुखार और दाने निकलने से बीमार चल रहे थे। दोनों बच्चों को पहले सीएचसी में दिखाया था, लेकिन हालत में सुधार नहीं होने पर परिजनों ने मौरावा स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। देर रात दोनों बच्चों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई और परिजन जब तक कहीं दूसरे अस्पताल ले जाते शहान की मौत हो गई। शहान के बड़े भाई की हालत गंभीर देखते हुए परिजनों ने कानपुर में एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया है।
जब उन्नाव स्वास्थ्य विभाग की टीम मोहल्ला दलीगढ़ी पहुंची। टीम ने मोहल्ले में कई बच्चे की जांच की जिसमे 17 बच्चे और बीमार मिले है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग टीम की ओर से बच्चो को दवाओं का वितरण किया गया है। इसमे एक बच्ची की हालत गंभीर देख जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया है। 7 साल की उनैजा का अस्पताल में उपचार चल रहा है।
100 से ज्यादा बच्चों का किया इलाज
सीएचसी के डॉक्टर तपन गुप्ता ने बताया कि यहां बड़ी संख्या में बच्चे खसरे के लक्षण वाली बीमारी से बीमार हैं। हमने 100 से ज्यादा बच्चों का इलाज किया है। काफी बच्चे सही होकर घर जा चुके हैं। दुर्भाग्य ये हमें 5 बच्चों को खोना पड़ा है।
टीम कर रही हैं इलाज
उन्नाव के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सत्य प्रकाश ने खसरा से तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हमारी टीमों ने गांव के 60 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया है और खसरे से पीड़ित बच्चों का इलाज कर रहे हैं। यह पता चला है कि टीकाकरण अभियान के दौरान डॉक्टरों को ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था। डॉक्टरों को हस्तक्षेप के लिए मौलवियों को बुलाना पड़ा और बाद में पूजा स्थलों से आवश्यक घोषणाएं की गईं।