कैमूर : बिहार में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल है। पूरे देश में जब ट्रैफिक सिस्टम और बेहतर हो रहे हैं। बिहार में स्थिति और बिगड़ती जा रही है। राज्य के किसी भी शहर में जाम बड़ी समस्या है। सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है। ट्रैफिक पुलिस महज मूकदर्शक बनकर बैठी रहती है। शुक्रवार को एक ऐसे ही जाम में मैट्रिक की परीक्षार्थी फंस गई। उसने ऑटो या अन्य सुविधा का लाभ उठाने की जगह दौड़कर परीक्षा केंद्र पहुंचना मुनासिब समझा। छात्रा नेशनल हाईवे पर दौड़ने लगी। शुक्रवार को भारी ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए दर्जनों परीक्षार्थियों ने एनएच 2 पर 2 किमी तक दौड़ लगा दी। दौड़ की ये तस्वीर सामने आने के बाद सरकार के अधिकारियों का सिर शर्म से झुक गया है। एनएच पर दौड़ी बेटियांलड़कियों को कैमूर में मैट्रिक की परीक्षा देनी थी। परीक्षा इस सप्ताह की शुरुआत में शुरू हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि लड़कियां अपने माता-पिता के साथ परीक्षा केंद्रों के लिए अपने घरों से निकली थीं, लेकिन उनके ट्रांसपोर्ट ट्रैफिक में फंस गए, जिससे वे सचमुच स्थिर हो गईं। जहां कुछ परीक्षार्थी अपने माता-पिता के साथ बाइक पर जा रहे थे, वहीं अन्य ऑटोरिक्शा या कार की सवारी कर रहे थे।आश्चर्य व्यक्त कर रहे अधिकारीजैसे-जैसे समय तेजी से बीत रहा था और झंकार कम होने की संभावना कम होती जा रही थी, लड़कियों ने अपने वाहनों को छोड़ दिया और हाईवे पर दौड़ने लगीं, एडमिट कार्ड और हाथों में पेन लिए। घटना के वीडियो वायरल हो गए। इस मामले में कैमूर के जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि हम इस घटना के बारे में जानकर बहुत स्तब्ध हैं। ट्रैफिक जाम अब हटा दिया गया है। शर्मा ने आगे कहा कि हमने विभाग के अधिकारियों के साथ हर बैठक में इस मुद्दे को उठाया। शिक्षा पदाधिकारी इसका दोष सड़क निर्माण को दे रहे हैं। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित की जा रही मैट्रिक की परीक्षा में लड़कों से ज्यादा लड़कियां हैं।