ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी टेस्ट आज से, भारत को हर हालत में इसे जीतना जरूरी

अहमदाबाद: भारत और ऑस्ट्रेलिया (IND vs AUS) के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी मुकाबला गुरुवार से नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जाएगा। 4 मैचों की इस सीरीज में टीम इंडिया अभी 2-1 से आगे चल रही है। नागपुर और फिर दिल्ली में रोहित शर्मा की टीम को जीत मिली थी। लेकिन इंदौर में ऑस्ट्रेलिया ने वापसी करते हुए 9 विकेट से मुकाबले को अपने नाम किया था। अब आखिरी मैच में भारत के लिए बहुत कुछ दांव पर है।

भारतीय टीम इस मुकाबले को अपने नाम करती है तो आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का टिकट मिलेगा। ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही फाइनल में जगह बना लिया है। टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल से पहले भारत का यह आखिरी मुकाबला भी है। भारत के अलावा श्रीलंका भी अभी फाइनल की रेस में है।

न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच गुरुवार से ही टेस्ट सीरीज की शुरुआत हो रही है। भारत अगर अहमदाबाद टेस्ट हारता है तो उसे फाइनल में पहुंचने के लिए श्रीलंका और न्यूजीलैंड की सीरीज के नतीजे पर निर्भर होना पड़ेगा। अगर श्रीलंका 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के क्लीन स्वीप करता है तो वह फाइनल में पहुंच जाएगा।

भारत के लिए अहमदाबाद में आत्मसम्मान की भी बात है। भारत को 2012-13 में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी बार घरेलू टेस्ट सीरीज में हार मिली थी। उसके बाद से टीम ने घर में हर सीरीज को अपने नाम किया है। इस दौरान भारत एक बार भी एक सीरीज में एक से ज्यादा टेस्ट नहीं हारा है। ऑस्ट्रेलिया को अहमदाबाद में जीत मिलती है तो सीरीज 2-2 से बराबर रहेगी। पिछले 10 साल में हर घरेलू टेस्ट सीरीज जीतने वाली टीम इंडिया के लिए यह ड्रॉ भी हार की तरह ही होगा।

रोहित शर्मा की टीम के लिए यह आत्मसम्मान की लड़ाई भी है। विराट कोहली पर सबकी नजरविराट कोहली का बल्ला टेस्ट में रन ही नहीं बना रहा। नवंबर 2019 में इस फॉर्मेट में विराट ने आखिरी शतक लगाया था। एक जनवरी 2020 से अभी तक विराट ने 23 टेस्ट खेले हैं। इसमें उनके बल्ले से 25.70 की औसत से सिर्फ 1028 रन निकले हैं। इस दौरान टेस्ट क्रिकेट में 33 बल्लेबाजों ने 1000 से ज्यादा रन बनाए हैं। इनमें सभी का बल्लेबाजी औसत विराट कोहली से बेहतर है।

विराट के अलावा सिर्फ टेम्बा बावुमा ने ही इसमें शतक नहीं जड़ा है। यही वजह है कि सभी कि नजरें विराट कोहली पर रहने वाली हैं। इस मैच में भी अगर विराट रन नहीं बनाते हैं तो उन पर भी सवाल उठने लगे हैं।