आदिवासी इलाकों में महिलाओं के हल चलाने पर है रोक! अब ट्रैक्टर से करेंगी खेती, जानिए विमला के संघर्ष की कहानी

दुमका: झारखंड के दुमका जिले की आदिवासी महिला किसान अब आत्मनिर्भर बनने की राह पर हैं। इसमें रानेश्वर प्रखंड क्षेत्र में रहने वाली विमला हांसदा भी शामिल हैं जो अब अपने परिवार के आय के स्रोत में वृद्धि लाने के लिए ट्रेक्टर से खेती करने का साहस जुटा कर आगे बढ़ गयी हैं। विमला बताती है कि पहले हल-बैल से खेती करने में बहुत दिक्कत होती थी। धान की बुआई से लेकर धान काटने तक के सारे काम करते थी, लेकिन संताली समाज की पारंपरिक मान्यताओं की वजह से आदिवासी महिलाओं के लिए खेत में बैल से हल चलाना वर्जित है। किंवदंती है कि यदि आदिवासी महिला स्वयं खेत में हल चला लें तो उस साल इलाके में अकाल पड़ जाता है। इस कारण महिलाओं के हल चलाने पर उन्हें समाजिक स्तर पर दंडित किये जाने का प्रावधान है। लेकिन राज्य सरकार ने स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) समूहों से जुड़ी आदिवासी महिलाओं को अनुदान पर ट्रैक्टर देकर उन्हें नई राह दिखाई है। विमला का हौसला बुलंद है। वो कहती हैं कि इसे चलाना कोई मुश्किल नही है। प्रशिक्षण लेकर अब वे मिनी ट्रैक्टर से उन्नत तरीके से खेती कर पायेंगे। महिलाओं को 80 प्रतिशत अनुदान दर पर मिनी ट्रैक्टरदुमका में झारखंड स्टेट लाईवलीहूड प्रमोशन सोसाईटी (जेएसपीएलएस) की ओर से महिलाओं को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इस क्रम में चयनित महिला स्वयं सहायता समूहों को 80 प्रतिशत अनुदानित दर पर मिनी ट्रैक्टर उपलब्ध कराया गया है। इसके अलावा अन्य कृषि उपकरणों का भी वितरण किया गया। मौके पर शिकारीपाड़ा के विधायक नलिन सोरेन ने आधुनिक उपकरण से खेती करने वाले को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम के दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 में चयनित महिला समूहों के बीच मिनी ट्रैक्टर का वितरण किया गया। हल चलाना पर रोक है, अब ट्रैक्टर से जोतेगी खेतजिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने कहा कि संताल आदिवासी समाज में पारंपरिक मान्यता है कि महिलायें बैल लगे हल से खेत नहीं जोत सकती हैं। उनके लिए हल चलाना वर्जित है। ऐसे में सरकार ट्रैक्टर दे रही है तो पुरूषों के इंतजार में महिलाओं द्वारा की जानेवाली खेती का कोई काम नहीं रूकेगा। जबकि आदिवासी समाज की महिलाएं खेती के सभी काम करती हैं। अब लोहे से निर्मित ट्रेक्टर का वह खेत जोतने में उपयोग कर पायेंगीं। इससे उनके लिए खेती और सुगम हो जायेगा और उनके परिवार के आय में भी वृद्धि होगी।