पाकिस्तान में दो दशक के सबसे खराब हालात, आर्थिक ही नहीं ये चुनौतियां भी अवाम को मार रहीं

इस्लामाबाद: पाकिस्तान पिछले दो दशक के सबसे खराब हालात को झेल रहा है। दक्षिण एशिया प्रेस का कहना है कि देश इस समय आर्थिक संकट, राजनीतिक अराजकता और उत्तर-पश्चिम क्षेत्रों में आतंकी हमलों की बढ़ती संख्या का सामना कर रहा है। खराब हालात के कारण पाकिस्तान के संसाधन खत्म होते जा रहे हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि आर्थिक गिरावट का सीधा असर जनता पर पड़ा है। पाकिस्तान की स्थिति पहले ही खराब थी, लेकिन बाढ़ ने उसे बड़ा झटका दिया।रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान को कृषि, खाद्य, पशुधन और मत्स्य पालन समेत अन्य क्षेत्रों से 3.7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। वहीं लॉन्ग टर्म में पाकिस्तान का नुकसान बढ़ कर 9.2 अरब डॉलर है। पाकिस्तान में अगर महंगाई दर की बात करें तो दिसंबर 2022 में देश में मुद्रास्फीति 24.5 फीसदी थी, जो पिछले साल की तुलना में दोगुनी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में खाद्य संकट का की सबसे बड़ी मार आम लोगों पर पड़ी है। पाकिस्तान में आटे का दाम हद से ज्यादा बढ़ चुका है।पेट्रोल और डीजल का आ सकता है संकटपाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान राज्य के कई इलाकों में आटे के लिए भगदड़ भी देखी गई। विश्लेषक इस बात से डरे हैं कि पाकिस्तान में जल्द ही बड़े पैमाने पर पेट्रोलियम और बुनियादी सामानों का संकट देखने को मिल सकता है। साउथ एशिया प्रेस के मुताबिक अगर पेट्रोल डीजल का संकट आता है तो कृषि क्षेत्र प्रभावित होगा। क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में गेहूं की कटाई होगी। अगर डीजल न हुआ तो इस पर प्रभाव पड़ेगा।जरूरी सामान का भी नहीं हो पा रहा आयातस्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने कहा है कि देश का चालू खाता घाटा पिछले साल इसी महीने की तुलना में 90 फीसदी तक कम हो गया है। हालांकि इसके पीछे पाकिस्तान का आयात प्रतिबंध है। विदेशी मुद्रा भंडार को बचान के लिए उसने कई लग्जरी सामानों को आयात करने पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान में इस समय जरूरी सामना भी आयात नहीं हो पा रहा है। इसी कारण कई फैक्ट्रियों ने अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है।