नई दिल्ली: दिल्ली का एक मात्र रेड लाइट एरिया जीबी रोड, जिसे अब तक सिर्फ वेश्यावृत्ति के लिए बदनाम गली के नाम से पहचाना जाता था, अब वह डर के लिए भी जाना जा रहा है। डर होता है लुट जाने का या फंसकर जबरन वसूली का शिकार हो जाने का। ऐसे मामलों में शिकार होने वाले लोग ज्यादातर दिल्ली के बाहर के होते हैं। जीबी रोड में बदल गया धंधा!असल में अब जीबी रोड के कोठों पर मानव तस्करी के मामले न के बराबर रह गए हैं। यानी किसी बच्ची या लड़की को वहां लाकर जबरन देह व्यापार करवाने के मामले न के बराबर रह गए हैं। यानी वहां की सभी सेक्स वर्कर्स अपनी मर्जी से इस धंधे में हैं। ऐसे में पुलिस को वहां से अब सिर्फ लूटपाट और एक्सटॉर्शन की कॉल्स मिल रही हैं। डीसीपी सेंट्रल संजय कुमार सेन ने भी इस बात की पुष्टि की। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस इन कॉल्स को गंभीरता से लेते हुए सख्त से सख्त ऐक्शन ले रही है। अगर मामला लूट का होता है तो उसमें लूट का केस दर्ज किया जाता है, वहीं अगर मामला एक्सटॉर्शन का होता है तो उसके सेक्शन के हिसाब से ही केस दर्ज करने के निर्देश दिए हुए हैं, ताकि आरोपियों को आसानी से बेल न मिले। साथ ही दूसरे लोगों के मन में भी डर पैदा हो।लूट का तरीका जान चौंक जाएंगे पुलिस सूत्र ने बताया कि अब जो भी कस्टमर इन कोठों पर एक बार चले जाते हैं तो वहां काम करने वाली सेक्स वर्कर्स या दलाल चाहते हैं कि जो भी आया है वो उन्हें रुपये देकर जाए। अब चाहे वह खुशी-खुशी पैसे देकर किसी सेक्स वर्कर के साथ सेक्स करने रूम में चला जाए या फिर वे लोग उससे जबरन ही रुपये छीन लें। जिसके कोठे पर जबरन रुपये ले लिए जाते हैं, वो ही नीचे आकर लूट की कॉल कर देता है। इसके बाद पुलिस ऐक्शन लेती है।ऐसे होता है एक्सटॉर्शन सूत्र ने बताया, सेक्स वर्कर्स एक्सटॉर्शन का शिकार हो रही हैं। कोठे पर काम कर चुके पुराने लोग कोठों पर आकर सेक्स वर्कर्स से जबरन वसूली करते हैं। वह वर्कर्स से कहते हैं कि अगर उन्हें पैसे नहीं दिए तो वह पुलिस को कॉल कर सूचना देंगे कि तुमने जबरन उनसे लूटपाट की। पुलिस से बचने के लिए वह आरोपियों को रुपये देती हैं।सड़क से ही शुरू हो जाता है खेल बताया गया है कि जीबी रोड पर मौजूदा समय में 21 बिल्डिंग के अंदर करीब 75 कोठे चल रहे हैं। लूट का खेल नीचे सड़क पर घूम रहे दलाल शुरू करते हैं। वह लोगों को अजीब-अजीब ऑफर देकर कोठों पर ले जाते हैं और उनके साथ वारदात करवा देते हैं। लूट आदि का शिकार होने वाले ज्यादातर दिल्ली से बाहर के लोग होते हैं।