नई दिल्ली: कहने को तो वह भारतीय सैनिक था लेकिन अंदर ही अंदर देश के खिलाफ ही काम कर रहा था। वह सैनिक पाकिस्तान के जासूस को भारत-चीन सरहद से जुड़ी डिटेल दे रहा था। जी हां उसी पाकिस्तान को जिसकी जमीं पर पलने वाले आतंकी न जाने कितनी बार हमारे वीर जवानों की जिंदगी छीन ली। उसकी इस देशविरोधी गतिविधियों का पता भारतीय सेना को चल गया है। सेना ने सैनिक का कोर्ट मार्शल करने की तैयारी कर ली है। ह आपको बताते हैं कि कैसे सैनिक एक पाक जासूस को LAC की जानकारी दे रहा था वहीं साथ ही साथ यह भी बताएंगे कि आखिर यह कोर्ट मार्शल होता है क्या? LAC के पास थी तैनाती, ऐसे देता था पाक जासूस को सूचना आलिम खान भारतीय सैनिक के रूप में भारत-चीन सीमा LAC के पास तैनात किया गया था। तैनाती के बाद वह एक ISI एजेंट आबिद हुसैन के संपर्क में आया। आबिद पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा विभाग में नौकरी करता है। आलिम खान सेना के वाहन और सैनिकों की ड्यूटी की जानकारी आबिद को देता था। इसके लिए उसे 15 हजार रुपये भी मिलते थे। आलिम यह जनकारी तब दे रहा था जब उसे इंडियन आर्मी से जुड़ी बेहद गुप्त जानकारी देने का एक्सेस नहीं था। सेना को जानकारी लगते ही उसने आलिम का कोर्ट मार्शल करने की तैयारी की है। क्या होता है कोर्ट मार्शल यहां जानिए सेना अधिनियम 1950 के मुताबिक, जब सेना का कोई जवान या अधिकारी नियमों को तोड़ता है, देशविरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है तो ऐसे में उस संबंधित व्यक्ति के साथ कोर्ट मार्शल किया जाता है। कोर्ट मार्शल एक तरह की कोर्ट होती है। यह खास तौर पर आर्मी में सेवा देने वाले जवानों और अधिकारियों के लिए होती है। इसमें आर्मी में अनुशासन तोड़ने या अन्य अपराध करने वाले सेना के व्यक्ति पर केस चलाया जाता है। केस की सुनवाई और सजा दिलाने का काम आर्मी का ही होता है। कोर्ट मार्शल मिलिट्री कानून के तहत ही होता है। इस कानून में 70 तरह के अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है।4 तरह का होता है कोर्ट मार्शल, कौन-कौन सी सजा दी जा सकती है? कोर्ट मार्शल भी 4 प्रकार का होता है। जनरल कोर्ट मार्शल, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट मार्शल, समरी जनरल कोर्ट मार्शल और समरी कोर्ट मार्शल। कोर्ट मार्शल में कौन-कौन सी सजा दी सकती है यह भी जान लीजिए- -कोर्ट मार्शल में आरोपी साबित होने के बाद आपकी नौकरी छीनी जा सकती है। इसके साथ ही उसे भविष्य में मिलने वाले सभी तरह के लाभ जैसे एक्स सर्विसमेन बैनिफिट, पेंशन और कैंटीन बेनिफिट खत्म किया जा सकता है।-जुर्म कितना संगीन है इसके आधार पर भी सजा तय होती है। इस आधार पर संबंधित व्यक्ति को फांसी, उम्रकैद या एक तय समयाविधि के लिए सजा का ऐलान किया जा सकता है।-आरोपी जवान का प्रमोशन रोका जा सकता है। इसके साथ वेतन वृद्धि और पेंशन भी रोकी जा सकती है। अलाउंस खत्म करने के साथ ही जुर्माना लगाया जा सकता है। -सैनिक की रैंक कम कर लोअर रैंक और ग्रेड दी जा सकती है।