इस्लामाबाद : पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने शनिवार को मुल्क में ‘जनसंख्या नियोजन’ की कमी को वर्तमान आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए हमें जनसंख्या नियोजन पर ध्यान देना होगा। कराची के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम सभी इसमें फंसे हुए हैं, हम सब मुसीबत से बाहर कैसे निकलेंगे? एक तरीका है… हमारे पास एक रिकॉर्ड है। पाकिस्तान में हर साल 55 लाख बच्चे पैदा होते हैं। अगर पाकिस्तान में हर साल 55 लाख बच्चे पैदा हो रहे हैं, तो मुझे बताएं कि आप पाकिस्तान में जनसंख्या नियोजन पर कब ध्यान देंगे?’मिफ्ताह इस्माइल ने कहा कि जब भी इस विषय पर चर्चा की जाती है, एक विशेष समूह इसकी आलोचना में सामने आ जाता है। उन्होंने बांग्लादेश, ट्यूनीशिया और मिस्र को पाकिस्तान जैसे ‘मुस्लिम समुदाय’ वाले देश करार देते हुए कहा कि इन सभी देशों ने जनसंख्या नियोजन किया है, लेकिन हमने नहीं किया। उन्होंने इस बात पर भी खेद जताया कि पाकिस्तान में शिशु मृत्यु दर दुनिया में दूसरे नंबर पर है। ‘बांग्लादेश से लेनी चाहिए थी सीख’पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर हमने पिछले 10 साल में बांग्लादेश की प्रजनन दर की बराबरी की होती तो हमारे मुल्क की जीडीपी प्रति व्यक्ति 15 प्रतिशत से अधिक होती। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे अन्य दक्षिण एशियाई देशों ने ‘सटीक प्लानिंग’ की बदौलत अहम तरक्की हासिल की। देश की आर्थिक स्थिति के बारे में बात करते हुए स्माइल ने कहा कि 2010 के बाद से प्रांतों के खर्च में 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है लेकिन खर्च में बढ़ोतरी के कारणों के बारे में पूछने वाला कोई नहीं है। मिफ्ताह इस्माइल ने की भारत की तारीफइस्माइल ने कहा कि पाकिस्तान ने अस्तित्व में आने के बाद पहले 11 साल में 7 प्रधानमंत्रियों को बदला। जबकि भारत ने पहले 10 साल में 5 आईआईटी की स्थापना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले कर्ज को चुकाने के लिए और उधार लेता है। यह रणनीति ‘कभी सफल नहीं होगी’। पिछले साल अक्टूबर में मिफ्ताह इस्माइल के हटने के बाद इशाक डार पाकिस्तान के वित्त मंत्री बने थे। इसके बाद से पड़ोसी देश दिवालिया होने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।