आरजी कर रेप-हत्या: फैसले से मृतका के परिजन निराश, बोले- न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे

कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के अदालत के फैसले पर मृतका के परिजनों ने निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने दावा किया कि मामले की जांच अधूरे मन से की गई और अपराध में शामिल कई अन्य अपराधियों को बचा लिया गया। उन्होंने कहा कि वे न्याय के लिए ऊपरी अदालत में जाएंगे।मृत महिला चिकित्सक की मां ने कहा, “हम स्तब्ध हैं। यह कैसे दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में नहीं है। ड्यूटी पर तैनात एक चिकित्सक को बलात्कार के बाद मार डाला गया। हम निराश हैं। इस अपराध के पीछे बड़ा षड़यंत्र था।” मृत चिकित्सक के पिता ने कहा कि वे तब तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक कि अन्य सभी अपराधियों को भी सजा नहीं मिल जाती।इससे पहले कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या मामले में दोषी करार दिये गए संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असंतोष जताया। उन्होंने सियालदह कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद दावा किया कि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से ‘‘जबरन’’ ले लिया गया। उन्होंने कहा कि यदि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित की होती।सियालदह की एक अदालत ने ज पिछले वर्ष अगस्त में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने राज्य सरकार को मृत चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया। सजा सुनाते हुए सियालदह कोर्ट के न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा कि यह ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ मामला नहीं है, जिसमें दोषी को मौत की सजा सुनाई जाए।