कोर्ट में चूहों ने खाया सबूत के तौर पर रखा गांजा, क्या छूट जाएगा अपराधी?

तिरुवनंतपुरम: अदालत का फैसला गवाहों और सबूतों के आधार पर होता है। सबूतों के अभाव में अपराधी भी कई बार बरी हो जाते हैं। केरल में भी जो मामला सामने आया है, उसमें कथित अपराधी के छूटने की गुंजाइश बन रही है। कोर्ट परिसर के अंदर ही एक कमरे में सबूत रखा गया था लेकिन जब मुकदमे की बारी आई तो सबूत गायब हो गए। इस मामले के सामने आने के बाद वकील और जज हैरान हैं।केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में दिसंबर 2016 में गांजा रखने के आरोप में एक व्यक्ति पर मुकदमा चल रहा है। आरोपी साबू को तिरुवनंतपुरम की छावनी पुलिस ने हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया था। आरोपी साबू के पास कथित तौर पर 125 ग्राम गांजा पाया गया था। जबत किए गए इस गांजे में से 100 ग्राम को वैज्ञानिक जांच के लिए लैब भेजा गया। वहीं बाकी 25 ग्राम को मामले में सबूत के तौर पर तिरुवनंतपुरम मजिस्ट्रेट कोर्ट में स्थित एक अदालत कक्ष में रखा गया।लेकिन ट्रायल शुरू होने के साथ ही चीजें पूरी तरह से बदल गईं। प्रक्रिया के तहत जब कोर्ट रूम में रखे सबूतों की जांच की गई तो पाया गया कि आधे सबूत गायब हो गए थे। जब यह पूछा गया कि ऐसा कैसे हुआ, तो अभियोजन पक्ष ने दलील देते हुए कहा कि ऐसा हो सकता है चूहों ने गांजा खा लिया हो। यह सबूत अदालत के लिए मायने रखता है। लेकिन अब सवाल यह है कि क्या चूहों की वजह से आरोपी साबू छूट जाएगा। पर्याप्त सबूत नहीं मिलने की सूरत में केस कमजोर पड़ना तय माना जा रहा है।