PM के पास ढेरों डिजाइन्स लेकर गए थे रेल मंत्री, एक ना हुई अप्रूव, फिर रात 11 बजे जो कॉल आया…

नई दिल्ली : साल 2026 तक देश में बुलेट ट्रेन (Bullet Train) शुरू होने की उम्मीद है। (Ashwini Vaishnav) ने सोमवार शाम एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। यहां वैष्णव ने रेलवे (Railway) से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए। निजीकरण (Privatization) से जुड़े सवाल पर वैष्णव ने कहा कि रेलवे के निजीकरण का सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का रेलवे पर फोकस है और आने वाले समय में रेलवे की क्षमता तेजी से बढे़गी। इंटरव्यू में वैष्णव ने रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट और सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट में रियायत से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए। वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat Train) के बारे में उन्होंने कहा कि यह दुनिया की बेस्ट ट्रेनों से भी कई पैरामीटर्स में बेहतर है।जब पीएम ने अप्रूव नहीं कीं डिजाइन्सरेल मंत्री रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट पर भी बोले। उन्होंने कहा कि गांधीनगर, भोपाल और बेंगलुरु में वर्ल्ड क्लास स्टेशन बने हैं। इससे प्रेरित होकर हम स्टेशनों के रिडेवलपमेंट को बड़े स्तर पर लेकर गए हैं। वैष्णव ने कहा, ‘हम स्टेशनों के कई सारे डिजाइन लेकर पीएम के पास गए थे। लेकिन पीएम ने किसी भी डिजाइन को अप्रूव नहीं किया। हम परेशान थे कि क्यों कोई डिजाइन अप्रूव नहीं हुआ। इसके बाद रात 11 बजे पीएम का फोन आया। उन्होंने कहा कि आज के लिए ये डिजाइन ठीक हैं। लेकिन अश्विनी 50 साल आगे का सोचो। शहर कैसे डेवलप करेगा। हर चीज का सोचकर डिजाइन बनाओ। इसके बाद हमने टाउन प्लानर्स को भी बुलाया और दो महीने में नई डिजाइन बनवाईं।’वंदे मेट्रो पर शुरू हुआ कामआप मेट्रो से तो परिचित हैं, लेकिन अब देश में वंदे मेट्रो ट्रेनें (Vande Metro Trains) चलेंगी। रेल मंत्री ने बताया कि मेट्रो किसी शहर के अंदर चलती हैं। लेकिन वंदे मेट्रो दो शहरों को जोड़ने का काम करेगी। यह ऐसे दो शहरों को जोड़ेगी जिनके बीच की दूरी 100 किलोमीटर से कम है। वहां हर 45 मिनट में वंदे मेट्रो ट्रेन होगी। इस ट्रेन के लिए तैयारियां चल रही हैं। वैष्णव ने कहा कि 12 से 16 महीनों में इसका प्रोटोटाइप बनकर तैयार हो जाएगा। इसकी अच्छे से जांच करने के बाद बड़े स्तर पर उत्पादन किया जाएगा।स्टेशनों से होगा शहर का विकासवैष्णव ने कहा कि स्टेशन को शहर को जोड़ने वाला बनाया जाएगा। इसमें तीन प्रमुख चीजें हैं। सबसे पहले मास्टरप्लानिंग। शहर में कैसे ग्रोथ हो रही है, यह देखा जाएगा। स्टेशन तो अच्छा बन जाए लेकिन उस तक पहुंचने वाली सकड़ खराब हो, तो ऐसा नहीं चलेगा। दूसरा- स्टेशन शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाला होगा। तीसरा है शहरीकरण। स्टेशन पर रूफ प्लाजा भी बनाए जाएंगे। इसमें सभी के लिए सुविधाएं होंगी।क्या शुरू होगी सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली छूटवैष्णव से पूछा गया कि क्या सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर मिलने वाली छूट () फिर से शुरू होगी? इस पर वैष्णव ने कहा, ‘रेलवे समय-समय पर समाज हित के काम करता है। रेलवे में हर एक रेल यात्री को 55 फीसदी की छूट मिलती है। रेलवे 59 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रहा है।’क्यों लेट होती हैं ट्रेनें?इंटरव्यू में वैष्णव से सवाल पूछा गया कि ट्रेनें इतनी लेट क्यों होती हैं। जवाब में वैष्णव ने कहा कि 91 फीसदी बार ट्रेनें सही समय पर होती हैं। उन्होंने कहा कि हाइवे और ट्रेन में फर्क होता है। हाइवे पर जाम होता है तो गाड़ी साइड से या रोड़ से नीचे उतरकर भी आगे बढ़ जाती है। लेकिन रेल की पटरी में यह संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहा है। वैष्णव ने कहा, ‘पहले हर दिन 4 किलोमीटर नई पटरी बिछाई जाती थी। अब हर दिन 12 किलोमीटर पटरी बिछाई जाती है। 2014 से पहले के 60 वर्षों में 32 हजार किलोमीटर रेल नेटवर्क का विद्युतीकरण हुआ । वहीं, पिछले 8 साल में 34 हजार किलोमीटर रेल लाइन का विद्युतीकरण हो गया है।’ वैष्णव ने कहा कि हाल ही में रेलवे ने ट्रेनों के लिए नए टॉयलेट का डिजाइन अप्रूव किया है। 40 हजार कोचों में यह अच्छा टॉयलेट लगाया जाएगा।