वेटिंग लिस्ट का पंगा ही होगा खत्म, रेलवे ने बनाया ऐसा प्लान कि सबको मिलेगा कंफर्म टिकट, जानिए कैसे

नई दिल्ली: होली-दिवाली हो या फिर छठ पूजा, खासकर त्योहारों के सीजन में ट्रेन से सफर करना आसान नहीं होता। खचाखच भरी ट्रेनों में कई महीने से पहले टिकट फुल हो जाती है। लोगों को घर पहुंचने के लिए नहीं मिल पाता। वेटिंग लिस्ट लंबी होती चली जाती है। का झंझट सिर्फ यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि के लिए भी सिरदर्द बना हुआ है। वेटिंग टिकट के झंझट को खत्म करने के लिए रेलवे ने नई योजना बना ली है। इस योजना के मुताबिक रेलवे 1 लाख करोड़ खर्च करेगी। रेलवे की 1 लाख करोड़ की योजना रेलवे ने लगातार बढ़ती यात्रियों की संख्या को देखते हुए 1 लाख करोड़ रुपये की कीमत वाली नई ट्रेनों के अधिग्रहण का फैसला किया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने कहा है कि वेटिंग लिस्ट के झंझट को खत्म करने के लिए इस मेगा प्लान पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना पर 1 लाख करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। इस योजना का मकसद सालों से चल रही पुरानी ट्रेनों के स्टॉक को रिप्लेस करना है। इस योजना से रेलवे के बेड़े में 7 हजार से 8 हजार नई ट्रेनें शामिल हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सालों में पुरानी ट्रेनों तो नई ट्रेनों से रिप्लेस कर दिया जाएगा। वहीं इससे यात्रियों के लिए पर्याप्त सीट उपलब्ध होगी। कैसे खत्म होगा वेटिंग टिकट का झंझट ट्रेनों की संख्या बढ़ने से सीटों की उपलब्धता बढ़ जाएगी। ट्रेनों की संख्या बढ़ने से कंफर्म टिकट मिलने की संभावना बढ़ती चली जाएगी। वर्तमान में रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं। रेलवे रोजाना 10754 ट्रिप ऑपरेट करती है। ट्रेनों की संख्या बढ़ने से ट्रिप की संख्या बढ़ जाएगी। अगर हर दिन इसमें 3000 अतिरिक्त ट्रिप जोड़ दिया जाए तो वेटिंग टिकट का झंझट खत्म हो जाएगा। अगर सालाना देखें तो हर साल 700 करोड़ लोग हर साल ट्रेन से सफर करते हैं। ये संख्या साल 2030 तक 1000 करोड़ तक पहुंच जाएगी। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ ट्रेनों की संख्या को बढ़ाना भी जरूरी है। रेल मंत्री के मुताबिक अगर ट्रेनों की संख्या में 30 फीसदी तक बढ़ा दी जाए तो रेलवे में वेटिंग टिकट का झंझट खत्म हो जाएगा।