
पिछले दिनों बदायूं के एक पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने पुलिस में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें मनोज नाम के एक शख्स पर आरोप लगाया गया था कि उसने चूहे को पत्थर से बांधकर नाले में डुबो दिया। जब विकेंद्र ने चूहे को निकाला तो वह मर चुका था। इसके बाद विकेंद्र ने पुलिस में जाकर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी मनोज को अरेस्ट कर लिया।
बात आई चूहे के पोस्टमॉर्टम की ताकि मौत की वजह जानी जा सके। जब चूहे के शव को जिला अस्पताल ले जाया गया तो वहां पशुओं के डॉक्टरों ने यह कहते हुए हाथ खडे़ कर दिए कि उनके पास चूहे के पोस्टमॉर्टम के लिए जरूरी संसाधन नहीं हैं। इसके बाद चूहे के शव को बरेली भेजा गया।
गुरुवार को बरेली के आईवीआरआई के जॉइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह ने बताया है कि पोस्टमॉर्टम में पता चला कि चूहे के फेफड़े लीवर पहले से ही काफी खराब थे। चूहे को पहले से काफी बीमारी थी जिसकी वजह से उसकी मौत हुई है। उसके फेफड़ों में नाले का पानी बहुत अधिक मात्रा में नहीं मिला है जो साबित करता है कि उसकी मौत डूबने से नहीं हुई। डॉक्टर सिंह का कहना है कि देश में चूहे के पोस्टमॉर्टम का यह पहला मामला है।