राहत अभियान में जुटे शख्स की हो गई मां से मुलाकात, 32 साल पहले हो गई थी मां की मौत… पूरी फिल्मी है कहानी

पंजाब में इन दिनों बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है। बाढ़ के कारण पूरा पंजाब तहस नहस हो चुका है। इसी बीच बाढ़ से राहत देने के लिए राहत अभियान भी चलाया जा रहा है। इस तरह के राहत अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें जुटी रहती है वहीं कई एनजीओ भी लोगों की मदद के लिए आगे आती है। इसी तरह एक राहत अभियान में पंजाब के जगजीत सिंह भी काम करने में जुटे हुए थे, जो लोगों को मदद कर रहे थे। लोगों को बाढ़ से निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाकर उनकी जान बचाने के काम में जुटे हुए थे। सच्चे दिल से काम करने में जुटे जगजीत सिंह को इस बात का कतई अंदाजा नहीं था कि उनकी जिंदगी इस काम को करने के दौरान बदलने वाली है। उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुड़कर ऐसी खुशखबरी मिली जिससे उनका जीवन बदल गया।  कहानी पर विश्वास करना मुश्किल दरअसल जगजीत सिंह पंजाब के रहने वाले है। वो पंजाब में आई बाढ़ के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे थे और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में मदद कर रहे थे। उन्हें अंदाजा नहीं था कि उनका ये काम उन्हें नई जिंदगी दे देगा। इस दौरान उन्हें ऐसा उपहार मिला की उनका जीवन ही बदल गया। इस राहत अभियान में काम करने के दौरान जगजीत सिंह बचपन में बिछड़ी अपनी मां से मिल गए। दरअसल जगजीत सिंह को बताया गया था कि उनके माता-पिता की मौत एक एक्सीडेंट में हो गई थी। इसी बीच राहत अभियान में काम करने के दौरान जगजीत सिंह 20 जुलाई को पटिलाया स्थित के गांव पहुंचा जहां उनके नाना-नानी रहते थे। यहां उन्होंने अपनी मां को देखा, जिसके बाद मां-बेटे अपने आंसूओं को रोक नहीं सके। वर्षों के बाद बिना उम्मीद के जब मां-बेटे का मिलन हुआ तो इस लम्हे को देखकर हर व्यक्ति भावुक हो गया। बता दें कि जगजीत सिंह ने अपनी मां हरजीत कौर से तीन दशक से भी अधिक समय के बाद मुलाकात की है। उन्होंने वर्षों बाद हुए इस मिल को फेसबुक पर भी शेयर किया है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि वो और उनकी मां अपनी भावनाओं पर काबू पर नहीं कर सके। दोनों एक दूसरे से वर्षों बाद मिलकर रोते रहे। जगजीत की मां ने की दूसरी शादीबता दें कि जब जगजीत सिंह महज छह महीने के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। हरजीत कौर उस समय काफी कम उम्र की थी। ऐसे में हरजीत के माता-पिता ने उनके भविष्य के बारे में सोचते हुए अपनी बेटी की दूसरी शादी कर दी। हरजीत की दूसरी शादी होने के बाद जगजीत को उनके दादा-दादी ले गए और उन्हें बताया गया कि उनके माता-पिता का एक्सीडेंट में निधन हो गया था। सच को छिपाकर जगजीत को जो सच उनके दादा-दादी ने बताया उसके साथ ही वो जीते रहे। हालांकि उनकी मां के बारे में उन्हें घर में बताया जाता था। उनकी बुआ ने ही बताया कि उनका ननीहाल पटियाला के बोहरपुर में है।  इसी बीच जब पंजाब में बाढ़ आई तो वो एनजीओ की मदद से पटियाला में राहत अभियान में जुटे थे। जब वो पटियाला पहुंचे तो अचानक वो बोहरपुर गांव भी पहुंचे। उन्होंने यहां अपने नाना-नानी के बारे में जानकारी मांगी। वो अपनी नानी प्रीतम कौर से मिले। इस दौरान उन्होंने अपनी नानी से कई तरह के सवाल किए मगर उनकी नानी ने जगजीत के सवालों को टाल दिया क्योंकि वो जगजीत सिंह को पहचान नहीं पाए थे कि वो उनका वर्षों पहले जुदा हुआ नाती है। जैसे ही जगजीत की नानी को ये पता चला कि वो उनका नाती है तो उन्हें इस बात का विश्वास ही नहीं हुआ। इस दौरान जगजीत की नानी ने बताया कि उनकी मां जिंदा है, जिसकी दूसरी शादी हो गई है। जगजीत ने कहा कि मैं बेहद बदकिस्मत हूं कि तीन दशकों तक अपनी मां को देख नहीं सका और उनके प्यार से वंचित रहा। बता दें कि जब जगजीत सिंह अपनी मां से मिले तो उनके साथ उनकी पत्नी और 14 वर्षीय बेटी भी मौजूद थी। उन्होंने बताया कि उनको कुछ वर्षों पहले पता चला था कि उनकी मां जिंदा है। मगर उनकी मां के संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं थी।