कोलकाता : पुलिस किलेबंदी वाले उत्तरी 24 परगना जिले के गांव संदेशखाली में खामोशी है। इस गांव में बीजेपी और कांग्रेस के राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एंट्री बंद कर दी गई है। मीडियाकर्मियों के लिए गांव में लोगों तक पहुंच आसान नहीं है। गांव के पुरुष बोलने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। वह अपनी तस्वीर भी कैमरे में कैद करने से परहेज कर रहे हैं। गांव की कुछ औरतें मीडियाकर्मियों से बात कर रही हैं, मगर वह भी सहमी हुई हैं। उन्हें डर है कि पुलिस प्रशासन के हटने के बाद के गुंडे परेशान करेंगे। जब उनसे पूछा गया कि शाहजहां शेख के गुंडे कहां हैं? एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि इलाके के नौजवान शेख के लिए काम करते हैं। दिन भर मोटरसाइकल से घूमते हैं। शाहजहां के लड़कों को पता है कि कौन बाहरी लोगों से बात कर रहा है। ये लड़के ही हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए मारपीट करते हैं। पार्टी ऑफिस में ले जाकर मनरेगा की मजदूरी भी छीनने के लिए जबरन पार्टी ऑफिस ले जाते थे। उन्हें बताया गया है कि हर आदमी को पार्टी फंड में पैसा देना है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में मारपीट, महिलाओं से रेप और जमीन पर अवैध कब्जे का जिक्र किया है। 30 साल तक की महिलाओं पर शेख के गुंडों की बुरी नजर मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, संदेशखाली में महिलाओं का शारीरिक उत्पीड़न और रेप की कई वारदात हुई। 8 फरवरी को शाहजहां शेख के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने आरोप लगाया था कि की मीटिंग में देर रात बुलाया जाता था। यह सिलसिला 2020 के बाद शुरू हुआ। शेख के गुर्गों की नजर 30 साल से कम उम्र वाली महिलाओं पर होती थीं। मीटिंग में मनोरंजन के नाम पर उनका शारीरिक उत्पीड़न किया जाता था। दूसरे इलाके से मजदूरी करने संदेशखाली आए प्रवासी आदिवासी मजदूरों की पत्नियां उनके टारगेट पर होती थीं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी आरोप लगाया था कि महिलाओं से टीएमसी ऑफिस में बंधक बनाकर कई दिनों तक गैंगरेप हुआ। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस जब सोमवार को संदेशखाली पहुंचे तो महिलाओं ने अपनी व्यथा सुनाई थी। जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि उन्होंने रेप की शिकायत पुलिस से क्यों नहीं की। संदेशखाली में रहने वाली 48 वर्षीय महिला ने बताया कि जिन महिलाओं से गैंगरेप हुआ, पुलिस उससे ही मेडिकल रिपोर्ट मांग रही है। आखिर पीड़ित महिलाएं मेडिकल रिपोर्ट कहां से लाएंगी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) को पीड़ित महिलाओं ने बताया कि शिकायत करने पर पुलिस रात में आकर दरवाजा पीटती है। टीएमसी के ब्लॉक अध्यक्ष महिलाओं के पतियों को धमकी देता है। जिसने शेख को जमीन नहीं दी, उसके खेत में डाल दिया खारा पानी2013 में टीएमसी में शामिल होने के बाद शाहजहां शेख को उत्तर 24 परगना का मत्स्य कर्माध्यक्ष बना दिया गया। तभी से उसने दिहाड़ी मजदूरों पर जुल्म करना शुरू किया। सबसे पहले बैंक अकाउंट में आने वाले मनरेगा के पैसे मजदूरों से जबरन छीने जाने लगे। पार्टी कार्यालय में बुलाकर पैसे छीने जाते थे और उन्हें सिर्फ पांच सौ रुपये दिया जाता था। विरोध करने पर खुलेआम मारपीट की जाती थी। उसने प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से भी रकम छीन ली। घर बनाने के लिए योजना के लाभार्थी को 100-200 ईंटे देता था। प्रशासन में धौंस इतनी थी कि अफसर फिजिकल सर्वे में बिल पास करते रहे। 2019 में ईंट-भट्ठों के मालिक शाहजहां शेख ने मछली कारोबार में एंट्री की और जमीन हड़पना शुरू किया। उसने जमीन हासिल करने के लिए दो रणनीति अपनाई। पहला, कम दाम पर जबरन जमीन खरीदने लगा। जमीन नहीं बेचने वालों को लीज का ऑफर दिया, हर साल में एक बीघे के लिए 5000 रुपये। जिन लोगों ने उसके ऑफर को ठुकराया,उसके साथ मारपीट की गई। उसकी खड़ी फसल बर्बाद कर दी। उसके गुर्गे खेतों में खारा पानी डाल देते थे। नमकीन पानी डालते ही जमीन बंजर हो जाती है, फिर उसे मजबूरन मामूली रेट पर जमीन शाहजहां शेख को देनी पड़ती थी। शेख, शिबू हाजरा और उत्तर सरदार ने बाइक से लैस युवाओं की फौज तैयार कर रखी है, जो उसके हड़पने के बाद जमीन पर मछली पालन का कारोबार संभालते हैं। शाहजहां शेख ने कई लोगों की जमीन हड़पी। उसने कई लोगों को रजिस्ट्री या लीज के बाद भी पैसे नहीं दिए। संदेशखाली पर राजनीति भी गरमाई हुई है, राष्ट्रपति शासन की सिफारिश राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने संदेशखाली की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जमीन पर अवैध कब्जे और महिलाओं के साथ उत्पीड़न का जिक्र किया है। बताया गया है कि 2011 से ही महिलाओं का शोषण किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। दूसरी ओर सीएम इसके लिए आरएसएस को जिम्मेदार बता रही हैं। ममता बनर्जी ने विधानसभा में शाहजहां शेख के बहाने संदेशखाली में अल्पसंख्यकों और आदिवासियों के बीच विवाद पैदा किया जा रहा है। संदेशखाली हमेशा से दंगाग्रस्त क्षेत्र रहा है। अब आरएसएस के लोग वहां पर मास्क पहनकर दंगा कर रहे हैं। पुलिस अभी तक में 17 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। ममता बनर्जी ने भी आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।