कोविड में जिसका हुआ अंतिम संस्कार वह दो साल बाद जीवित घर लौटा, पत्नी की मांग में भरा सिंदूर

धार: एमपी (Madhya Pradesh News) के धार जिले में रहने वाली रेखा पाटीदार शनिवार को कांपती उंगलियों ने अपने बालों में सिंदूर की लकीर दौड़ाई। उसे अपनी आंखों और दिल पर विश्वास नहीं हो रहा था कि उसके पति जीवित हैं और घर वापस आ गए हैं, जिनका को दो साल पहले कोविड महामारी में निधन हो गया था। इंदौर से 80 किमी दूर बदनावर तहसील के करोंद कला गांव में हर किसी का मानना था कि रेखा के पति कमलेश पाटीदार की मौत गुजरात के वडोदरा में हो गई थी। फरवरी 2021 में वह कोविड की चपेट में आ गया था। परिवार के लोगों ने पीपीई किट में कवर शव का संस्कार किया था। लोगों ने चेहरा भी नहीं देखा था। उसके परिवार और दोस्तों के सदमे और खुशी के बारे में सोचिए, जब वह करोंद कला गांव से करीब 35 किमी दूर सरदारपुर के पास बडवेली गांव में शनिवार तड़के अपने मामा के घर गया है। कमलेश के पिता गेंदालाल पाटीदार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे पहले तो विश्वास नहीं हुआ, तब भी नहीं जब मेरे साले रामेश्वर ने मुझे बार-बार आश्वासन दिया कि उन्होंने उसे देखा है। उसके साथ बात की है और वह हमारा कमलेश है। मैंने एक वीडियो कॉल के लिए कहा। उन्होंने वीडियो कॉल किया तो मैं इतना दंग रह गया कि मैं चिल्लाया। सदमे में चली गई पत्नीवहीं, कमलेश को देखते ही उसकी पत्नी रेखा पाटीदार सदमे में चली गई और फूट-फूटकर रोने लगीं। कमलेश के पिता भी भावुक हो गए और बोल नहीं पाए। 15 मिनट बाद परिवार के लिए बडवेली गांव के लिए निकल गए। कमलेश के मामा गेंदालाल ने हमारे अखबार से बात करते हुए कहा कि उन्हें भी विश्वास नहीं हुआ, जब शनिवार तड़के कमलेश को अपने दरवाजे पर देखा। उन्होंने कहा कि हमें लगा कि हम आधी नींद में चीजें देख रहे हैं। उससे बात करने के बाद, हमें एहसास हुआ कि वह वास्तव में कमलेश है। वहीं, कमलेश की पत्नी रेखा पाटीदार ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि मैं फरवरी 2021 से विधवा की जिंदगी जी रही थी। परिवार के किसी सदस्य की मौत के बाद जो भी रस्में होती हैं, हमने वो पूरी कीं। दरअसल, हमारे कुछ रिश्तेदार अभी भी हमारे घर पर शोक व्यक्त करने के लिए आ रहे थे क्योंकि वे महामारी के दौरान हमसे मिलने नहीं आ पाए थे। मेरे ससुर को मौत के गहरा सदमा लगा था और वह वास्तव में कभी ठीक नहीं हुए थे। दो साल में, आज पहली बार वह खुश हैं। उनके साथ हम सब बहुत खुश हैं। इस चौंकाने वाली खबर के बाद रिश्तेदारों के फोन कॉल की झड़ी लग गई है। पुलिस को दी सूचनापरिवार के लोगों इसके बाद सरदार पुलिस स्टेशन को सूचना दी। इसके बाद वडोदरा स्थित कानवन पुलिस स्टेशन को सूचना दी गई, जहां कमलेश की मौत दर्ज की गई थी। धार एएसपी देवेंद्र पाटीदार ने टीओआई को बताया कि उन्हें घर वापसी की सूचना दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कमलेश का मृत्यु प्रमाण पत्र पहले ही तैयार था, परिवार को इसे रद्द करने के लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। कैसे हुई है यह गड़बड़ीकमलेश के एक रिश्तेदार महेश पाटीदार ने बताया कि जब वह कोविड पॉजिटिव हुआ था, तब वह बडवेली में था। आसपास के किसी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं था, इसलिए उन्हें वडोदरा ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उनके परिजनों को एक प्लास्टिक की चादर में ढकी हुई लाश दिखाई गई और बताया कि यह कमलेश है। वे निश्चिंत नहीं थे लेकिन परिवार ने डॉक्टरों की बात मान ली। कोविड प्रोटोकॉल के साथ वड़ोदरा में अंतिम संस्कार किया गया। इसके बाद परिवार के लोग वहां से लौट आए। गैंग ने बना लिया था बंधकवहीं, कमलेश ने अपने परिवार को बताया है कि उसे एक गैंग ने बंधक बना लिया था। कमलेश ने रामेश्वर को बताया है कि कोविड से ठीक होने के बाद, उसे अहमदाबाद में आधा दर्जन लोगों ने बंधक बना लिया था। उन्होंने उसे नशीला इंजेक्शन लगाया और उस हर समय बेहोश रखा। शुक्रवार को कार में कहीं ले जाते समय आरोपी सड़क किनारे एक होटल में रुके थे। कमलेश मौका देखते ही उतर गया और अहमदाबाद-इंदौर यात्री बस में सवार हो गया। वद देर रात सरदारपुर पहुंचा और कुछ लोगों की मदद से बडवेली गांव पहुंचा। वह अभी भी अचेत है। एएसपी ने कहा कि पुलिस उनकी शिकायत की जांच करेगी कि उन्हें एक गिरोह ने बंधक बनाया था। इसे भी पढ़ें