मुसोलिनी और उनकी प्रेमिका का दर्दनाक अंत
28 अप्रैल, 1945 को मुसोलिनी को उनकी प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ गोली मार दी गई थी। दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत में मुसोलिनी ने कहा था, ‘अगर मैं लड़ाई के मैदान से हटूं तो मुझे गोली मार देना।’ लड़ाई में मात खाने के बाद मुसोलिनी जब अपनी प्रेमिका क्लारेटा के साथ स्विटजरलैंड की सीमा की तरफ बढ़ रहे थे कि तभी उनके विरोधियों ने उन्हें पकड़ लिया और मुसोलिनी को उनके 16 साथियों के साथ गोलियों से भुन डाला था। बाद में मुसोलिनी और 16 अन्य लोगों के शव को सड़क पर फेंक दिया गया। मुसोलिनी से नफरत करने वाले लोगों ने मुसोलिनी के शव पर इतने पत्थर मारे कि मुसोसिनी का चेहरा ही पहचानना मुश्किल हो गया था।
मुसोलिनी के शव को उलटा लटकाया गया
लूसियानो गैरिबाल्डी अपनी किताब ‘मुसोलिनी द सीक्रेट ऑफ हिज डेथ ‘ में लिखते हैं कि मुसोलिनी को लेकर लोगों के दिल में इतनी नफरत थी कि नाराज भीड़ मुसोलिनी के शव के ऊपर चढ़ गए और उन्हें अपने पैरों से कुचल दिया। तभी एक शख्स ने शव को उसकी बगल से पकड़ कर ऊंचा उठा दिया ताकि वहां मौजूद लोग उसे बेहतर ढ़ंग से देख पाएं। तभी भीड़ से आवाज आई ‘और ऊंचा, और ऊंचा ! हम देख नहीं पा रहे हैं।’ ये सुनते ही उस शख्स ने मुसोलिनी, उनकी प्रेमिका क्लारेटा और चार अन्य लोगों के शव को उनके टखनों पर रस्सी से बांध कर जमीन से करीब छह फुट ऊपर उलटा लटका दिया।
शव देखने के लिए भीड़ अनियंत्रित हो गई
रे मोजली अपनी किताब ‘द लास्ट 600 डेज ऑफ डूचे’ में लिखते हैं ‘ जब लोगों को मुसोलिनी की मौत की खबर मिली तो तानाशाह के शव को देखने के लिए करीब 5 हजार लोगों की अनियंत्रित भीड़ जमा हो गई। एक महिला ने मुसोलिनी के मृत शरीर के सिर में पांच गोलियां मार कर कहा कि उसने अपने पांच बच्चों की मौत का बदला ले लिया है। वहीं एक महिला ने शव पर पेशाब कर दी। वहीं एक महिला ने शव को चाबुक से खूब मारा। लोगों ने मुसोलिनी के शव का जमकर अपमान किया।
मुसोलिनी ने ठुकरा दिया था ये प्रस्ताव
कैथलिक चर्च और कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों ने भी मुसोलिनी को शरण देने की पेशकश की थी, लेकिन मुसोलिनी ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। मुसोलिनी तब भी अपने तानाशाह रवैये पर अड़ा रहा। इतिहासकार बताते हैं कि मुसोलिनी ने कहा था, ‘वह कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे और आखिरी दम तक लड़ेंगे। जब मुसोलिनी को पता लगा कि 25 अप्रैल को जर्मन सैनिक गुप्त रूप से हथियार डालने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने आनन-फानन में मिलान छोड़ दिया।’ उनके साथ उनके जर्मन बॉडीगार्ड चीफ फ्रिट्ज बर्जर और सीक्रेट पुलिस लेफ्टिनेंट ओटो किसनेट भी थे। उन्होंने दोनों आदेश दिया था कि अगर वह भी युद्ध छोड़कर भागते हैं तो उन्हें भी गोली मार दी जाए।