चेन्नै: तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन ने अपने 70वें जन्मदिन के मौके पर मेगा रैली आयोजित की। इस दौरान विपक्ष के कई बड़े नेता एक मंच पर नजर आए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नैशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव मौजूद रहे। इस रैली को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के साझा प्लैटफॉर्म के रूप में देखा जा रहा है। रैली में एमके स्टालिन ने एक बार फिर थर्ड फ्रंट के विचार को पॉइंटलेस बताया। साथ ही सभी दलों को एक साथ आने के लिए कहा। एमके स्टालिन ने कहा, ‘यह सिर्फ मेरे जन्मदिन समारोह का मंच नहीं है। यह भारत में एक विशाल राजनीतिक मंच की शुरुआत भी है। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे को एक साझा मंच बनाकर जन्मदिन के सर्वश्रेष्ठ उपहार के लिए धन्यवाद देता हूं। 2024 का चुनाव इस बारे में नहीं है कि कौन जीतता है, यह इस बारे में है कि किसे हराना चाहिए।’मतभेद दूर कर साथ आएं दल’स्टालिन ने आगे कहा, ‘राजनीतिक दलों को मतभेदों से ऊपर उठना चाहिए और आगामी संसदीय चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए एक साथ खड़े होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘तीसरे मोर्चे के लिए विचार बेइमानी हैं। मैं बीजेपी के विरोध में सभी राजनीतिक दलों से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि वे सरल चुनावी अंकगणितीय तर्क को समझें और एकजुट रहें। खरगे का फारूक को जवाबवहीं फारूक अब्दुल्ला को जवाब देते हुए कांग्रेस चीफ खरगे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि कौन पीएम बनेगा। खरगे ने कहा, ‘सभी समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। मैंने कभी नहीं कहा कि कौन नेतृत्व करेगा या कौन पीएम बनेगा। यह सवाल नहीं है। हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है।’खरगे ने आगे कहा, ‘तमिलनाडु में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन ने 2004, 2009 में लोकसभा और 2006 और 2021 में विधानसभा जीत हासिल की। हमें 2024 लोकसभा जीत के लिए अपने गठबंधन और नेतृत्व की नींव को मजबूत करना जारी रखना चाहिए।”भूल जाते हैं कि कौन पीएम बनने जा रहा’इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने अपने संबोधन में कहा था, ‘स्टालिन, वक्त आ गया है। राष्ट्रीय स्तर पर आएं और राष्ट्र का निर्माण करें क्योंकि आपने इस राज्य का निर्माण किया है। (मल्लिकार्जुन) खड़गे जी से, मैं कहूंगा, भूल जाते हैं कि कौन पीएम बनने जा रहा है। पहले चुनाव जीत लेते हैं, फिर सोचते हैं कौन पीएम बनेगा। पीएम मायने नहीं रखता, देश मायने रखता है।’ दरअसल फारूक अब्दुल्ला ने एमके स्टालिन की पीएम उम्मीदवारी को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने इस सवाल पर कि क्या एमके स्टालिन विपक्ष की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, फारूक बोले, ‘क्यों नहीं? वह पीएम क्यों नहीं बन सकते? इसमें गलत क्या है?’